बांके बिहारी भूमि मामला, जिसमें वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर की जमीन की विवादित स्वामित्व संबंधित है, अब और अधिक तेज़ी से चर्चा के केंद्र में है। इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मथुरा जिले के छाता तहसीलदार से पूछा है कि कैसे 2004 में बांके बिहारी मंदिर की मालिकी को राजस्व रिकॉर्ड में कब्रिस्तान के नाम पर बदल दिया गया है।
सूचना प्राप्त हुई है कि न्यायाधीश सौरभ श्रीवास्तव ने श्री बिहारी जी सेवा ट्रस्ट की ओर से मथुरा द्वारा दाखिल की गई एक याचिका पर यह आदेश पारित किया है। इस मामले में हाई कोर्ट ने आगामी 17 अगस्त को आगे की सुनवाई का निर्णय दिया है।
बांके बिहारी जमीन मामला के संबंध में आवश्यक सूचना है कि छाता तहसीलदार ने बांके बिहारी जी महाराज मंदिर की जमीन को अवैध रूप से कब्रिस्तान के नाम पर दर्ज कर दिया है। इस मामले में राजस्व अधिकारियों को सही प्रवृष्टि की प्रमाणिकता जांचने और उचित दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई है।