बालोद। बालोद न्यूज़: छत्तीसगढ़ के बालोद में मंगलवार को भाजपा समर्थकों द्वारा अनधिकृत खाद और मंडी टैक्स में वृद्धि के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया गया। ग्राम झलमला में हुए धरना प्रदर्शन के बाद कलेक्ट्रेट को घेरा गया। कलेक्ट्रेट के घेराव के पश्चात् जब भाजपा समर्थक कलेक्ट्रेट पहुँचे, तो पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया। इस प्रक्रिया में पुलिस और भाजपा समर्थकों के बीच विवाद उत्पन्न हुआ। भाजपा समर्थकों ने बैरिकेडिंग को पार करके कलेक्ट्रेट का घेराव किया। हालांकि, इस प्रदर्शन के दौरान एक महत्वपूर्ण घटना घटी, जिसमें कुछ भाजपा नेताएं शामिल थे। उनमें से कुछ पाकेटमारी के शिकार हो गए और उनकी जेबें काट ली गई। यह दिलचस्प बात है कि इस प्रदर्शन के क्रम में ही किसी ने भाजपा नेताओं की जेबें काट ली।
तीन नेताओं की कटी जेब
सूचना के अनुसार, जिला किसान मोर्चा के अध्यक्ष तोमन साहू, भाजपा नेता होनिल दत्त पटेल और यादराम साहू की जेबों का लूटपाट हुआ। तोमन साहू की जेब से 2 हजार रुपये चोरी हो गए, होनिल दत्त पटेल का पर्स चोरी हो गया, जिसमें 6 हजार रुपये नगद, एटीएम कार्ड, आधार कार्ड सहित कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज थे, और यादराम साहू की जेब से पर्स चोरी हो गया। उस पर्स में 3 हजार रुपये नगद, आईडीएससी बैंक का एटीएम कार्ड, पेन कार्ड, आधार कार्ड और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज थे। साथ ही, भाजपा नेता होनिल दत्त पटेल ने सोशल मीडिया पर पर्स की चोरी की जानकारी भी साझा की है।’
कांग्रेस ने ली चुटकी
प्रदर्शन का आयोजन विशेष रूप से भाजपा समर्थकों द्वारा किया गया था। हालांकि इस पूरे प्रदर्शन में भाजपा समर्थकों की जेबों से धन कटना, यह एक बड़ा प्रश्न उत्त्पन्न करता है। क्या इस प्रदर्शन में भाजपा समर्थकों के इस तरह के नुकसान से उनकी विश्वासयात्रा पर असर पड़ा है? इस प्रदर्शन के माध्यम से कांग्रेस समर्थकों ने भाजपा समर्थकों के इस प्रदर्शन के चर्चाओं का मजाक उड़ाया है, खासकर जब उनकी जेबों से पैसे कट गए। कांग्रेस के नेता चंद्रेश हिरवानी ने बताया कि पूरे प्रदर्शन का आयोजन भाजपा समर्थकों ने किया था और वहां भाजपा के सभी मुख्य नेता मौजूद थे। यहां तक कि भाजपा समर्थकों के पैसे कटने की घटना, जो कि प्रदर्शन के बीच में हुई, यह एक बड़ी घटना है। इसके बावजूद, भाजपा समर्थकों ने प्रदर्शन के आयोजन में भाग लिया और उनकी जेबों का कटना, यह बड़ी बात है। अब इसे केवल प्रदर्शन में शामिल भाजपा समर्थक ही बता सकते हैं कि जेबों की छलांग किसने और कैसे मारी।