बाबा महाकाल की सवारी: उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से सोमवार को श्रावण मास में राजाधिराज भगवान महाकाल की पांचवी सवारी निकली जा रही है। सवारी के माध्यम से बाबा महाकाल भक्तों को अपना आशीर्वाद दे रहे हैं। सावन माह के पांचवें सोमवार को महाकाल पांच रूपों में प्रजा को दर्शन देंगे। बता दें कि सावन मास में निकाली जाने वाली सवारियों में बाबा महाकाल अलग-अलग रूपों में दर्शन देते हैं। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र बल की टुकड़ी राजा को सलामी दी गई है। इसके अलावा शिव भक्तों को भगवान महाकाल के साथ साथ माता पार्वती का भी आशीर्वाद मिलता है।
इन पांच रूपों में देंगे दर्शन
बाबा महाकाल की सवारी: बाबा महाकाल पंचम सवारी में पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिवतांडव, नंदी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे।
बाबा महाकाल की सवारी: धार्मिक नगरी उज्जैन में सुबह से जय श्री महाकाल का उद्घोष सुनाया गया जिसका कहना है कि देर शाम तक इसी प्रकार जारी रहेगा। बाबा महाकाल के दरबार के पट रात्रि 2:30 बजे खोले गए। मंदिर के पंडितों एवं पुजारी पुरोहितों द्वारा बाबा महाकाल का जलाभिषेक करने के साथ ही शिव परिवार का भी पूजन अर्चन किया गया। जिसके बाद बाबा महाकाल को सूखे मेवे से श्रृंगार कर उन्हें महानिवार्णी अखाड़े के महंत द्वारा भस्मी रमायी गई। सुबह मंदिर में हुई भस्म आरती के साथ ही दर्शन का क्रम शुरू हुआ जिसका लाभ हजारों श्रद्धालुओं ने चलित भस्मआरती के रूप में लिया।
सवारी को लेकर सुरक्षा इंतजाम बढ़ाए
इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होकर वापस महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी। भगवान महाकाल की सवारी को लेकर इस बार सुरक्षा इंतजाम और बढ़ाए गए हैं। सवारी मार्ग की लगभग 40 ऊंची बिल्डिंग की छत से भी पुलिस सवारी के पूरे इंतजाम पर नजर रखेगी।