मणिपुर की स्थिति को लेकर शुक्रवार को भी हंगामे के चलते संसद के निचले सदन लोकसभा को 24 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया। दरअसल, इस बार पेंच है कि सरकार और विपक्ष दोनों कह रहा है कि हम चर्चा चाहते हैं, बावजूद सदन की कार्यवाही नहीं चल पा रही है। यहां पर अब पेंच फंसा है कि किस नियम के तहत चर्चा होनी चाहिए?
मणिपुर में जारी हिंसा के बीच कुकी समुदाय की महिलाओं से दरिंदग का वीडियो वायरल होने के बाद पूरे देश में गुस्से का माहौल है। इस मुद्दे पर चर्चा को लेकर मॉनसून सत्र के आज दूसरे दिन भी सदन की कार्यवाही ठीक से नहीं चल पाई। मणिपुर की स्थिति पर विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच, लोकसभा पहले दोपहर 12 बजे तक फिर सोमवार 24 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यसभा में भी विपक्षी सांसदों ने हंगामा और नारेबाजी की, जिसके चलते उच्च सदन की कार्यवाही दोपहर 2:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सरकार और विपक्ष के बीच क्या है
मणिपुर की स्थिति पर पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बोलने और फिर उसके बाद ही चर्चा की मांग पर विपक्ष लगातार सदन में प्रदर्शन कर रहा है। शुक्रवार को भी इसी हंगामे के चलते संसद के निचले सदन लोकसभा को 24 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया। दरअसल, इस बार पेंच है कि सरकार और विपक्ष दोनों कह रहा है कि हम चर्चा चाहते हैं, बावजूद सदन की कार्यवाही नहीं चल पा रही है। यहां पर अब पेंच फंसा है कि किस नियम के तहत चर्चा होनी चाहिए?
रूल 267 बनाम रूल 176 पर ठनी
दरअसल, राज्यसभा में विपक्ष के पास नंबर है, तो वह चाहता है कि रूल 267 के तहत चर्चा हो। रूल 267 में चर्चा होती है, चर्चा के बाद जवाब होता है, जवाब के बाद चाहें तो वहां डिविजन हो सकता है। वोटिंग करने का प्रावधान होता है। हालांकि, सरकार चाहती है कि रूल 176 के तहत चर्चा हो। रूल 176 में आधे घंटे का समय होता है, जिस पर चर्चा होती है, फिर उस पर रिप्लाई होता है।
विपक्ष का कहना है कि ये बहुत सेंसेटिव चीजें हैं, इसलिए सदन की कार्यवाही को स्थगित कर मणिपुर के मसले को उठाया जाए। उस पर डिस्कशन हो, तमाम राजनीतिक दलों को बोलने का मौका दिया जाए। उसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी इस पर जवाब दें। फिर उसके बाद अगर वोटिंग का प्रावधान है, तो वोटिंग हो।