रायपुर में मोर्चाबंदी की आवाज बुलंद हो रही है जो सरकार के खिलाफ उठाई जा रही है। इसमें नियमितकरण का मुद्दा महत्वपूर्ण है और इस पर सियासी वाद-विवाद भी छिड़ रहा है। 14 जून को सीएम हाउस के घेराव की घोषणा की गई है जहां अनियमित, संविदा और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर उमड़ा है। गोपाल प्रसाद साहू, छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा के प्रांतीय संयोजक ने बताया है कि प्रदेश में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों के साथ [संविदा, दैनिक वेतन भोगी, कलेक्टर दर, श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, प्लेसमेंट, मानदेय, अशंकालिक, जाबदर, ठेका] चार सूत्रीय मांगों के साथ “छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा और छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी फेडरेशन” के नेतृत्व में 14 जुलाई 23 को धरना-प्रदर्शन और मुख्यमंत्री निवास के घेराव का आयोजन किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक रामकुमार सिन्हा ने बताया है कि कांग्रेस पार्टी ने अपने “जन-घोषणा-पत्र” के बिंदु 11 और 30 में अनियमित, संविदा और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने, छटनी न करने और आउटसोर्सिंग को बंद करने का वादा किया है। माननीय मुख्यमंत्री ने 14 फरवरी 2019 को अनियमित कर्मचारियों के लिए वादा किया था, जबकि अनियमित कर्मचारियों के आवेदनों का परिक्षण करने वाली कमेटी की रिपोर्ट अभी तक नहीं जमा की गई है। अद्यतन के बावजूद चार साल से अधिक समय बाद भी प्रदेश के अनियमित कर्मचारी (संविदा, दैनिक वेतन भोगी/कलेक्टर दर/श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, प्लेसमेंट (आउटसोर्सिंग) / मानदेय, जॉबदर, अंशकालीन, ठेका) अनियमित ही हैं।
वादा के विपरीत कांग्रेस की सरकार नियमितीकरण नहीं किया/आउटसोर्सिंग बंद नहीं किया, कर्मचारियों को मिलने वाला न्यूनतम वेतन एवं संविदा वेतन वृद्धि रोक दिया गया, कई विभागों से छटनियां कर दी गई है।
समस्यायों के निराकरण हेतु माननीय मुख्यमंत्री जी से मिलने अनेक प्रयास किये पर मुलाकात का समय नहीं दिया| सरकार द्वारा अनियमित कर्मचारियों के समस्याओं पर किसी प्रकार कार्यवाही नहीं होने से अनियमित कर्मचारी व्यथित एवं आक्रोशित है|
4 सूत्रीय मांग:
- समस्त अनियमित, संविदा एवं दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी/अधिकारीयों को नियमित किया जावे तथा नियमितीकरण तक स्थायीकरण किया जावे|
- विगत वर्षों से निकाले गए/छटनी किये गए अनियमित कर्मचारियों को बहाल कर छटनी पर रोक लगाई जावे।
- अंशकालिक कर्मचारियों को पूर्णकालीन किया जावे|
- शासकीय सेवाओं में आउटसोर्सिंग/ठेका प्रथा को पुर्णतः समाप्त कर कर्मचारियों का समायोजन किया जावे तथा नियत अवधि में नियमित किया जावे|
मोर्चा एवं फेडरेशन के पदाधिकारियों यथा प्रेम प्रकाश गजेन्द्र, कमलनारायण साहू, चितरंजन दास, मिलापचंद यादव उमेंद कुमार मार्कंडेय, मनोज सोना, राजेश गुप्ता, अरुण वैष्णव, राजेश गुप्ता, इंदु कश्यप, दोगेन्द्र जंघेल, राजकुमार साहू, युगल साहू , अशोक बघेल, आशीष पाण्डेय, भीमा राम तांदी, रामप्रसाद मंडावी, मनोज कुमार, दमेश्वर साहू , शांति लाल कुमेठी, विनोद बघेल, केदार सिंह राजपूत, रामसकल मिंज, नारायण मरकाम, गिरधर पटेल , आशीष तनेजा, महेंद्र शिवारे, तर्निश जांगडे, हेमंत वर्मा , तापस राय ने सयुक्त रूप से प्रदेश के समस्त अनियमित संगठनों एवं कर्मचारी/अधिकारियों से अपील/आह्वान किया है कि आयोजित धरना-प्रदर्शन एवं मुख्यमंत्री निवास घेराव में “एक दिवस की अवकाश लेकर” अधिक से अधिक संख्या में सम्मिलित होकर कार्यक्रम को सफल बनाएं।