रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में निरंतर रोजगार और स्व-रोजगार के अवसरों को बढ़ाने की दिशा में सक्रियता दिखा रही है। विशेष रूप से उन क्षेत्रों में, जहां पहले कोई रोजगार का मौका नहीं था, आजादी के रास्ते उद्घाटित हो रहे हैं। इन क्षेत्रों में, सभी वर्गों के लोग आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं। सरकार इस मार्ग में पहले करती हुई, ग्रामीण उद्योगिक पार्क (रुड़िप) के निर्माण को आगे बढ़ा रही है, जो स्थानीय संसाधनों के साथ स्थानीय सहभागिता को बढ़ावा देने में सहायक है।
ग्राम मार्री बंगला, बालोद जिले में स्थित रुरल इंडस्ट्रियल पार्क में महिला समूहों को रेडीमेड वस्त्रों का निर्माण करके सिर्फ रोजगार ही नहीं मिल रहा है, बल्कि उन्हें अच्छी आय भी हो रही है। 8 से अधिक स्व-सहायता समूहों की महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं जो रेडीमेड वस्त्र निर्माण इकाई के द्वारा आरंभ की गई है। यहां स्थानीय रेडीमेड वस्त्र निर्माण इकाई सफलतापूर्वक रोजगार के अवसर प्रदान करने का महत्वपूर्ण माध्यम बन गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं को अपने गांव में रुचिकर व्यवसाय का अवसर मिल रहा है। महिलाओं द्वारा रेडीमेड वस्त्रों का निर्माण करके अब तक उन्हें 2 लाख 56 हजार रुपये की आय प्राप्त हो चुकी है।
यह रेडीमेड वस्त्र निर्माण इकाई में पेटीकोट और टी-शर्ट के रेडीमेड वस्त्र तैयार किए जा रहे हैं। इस इकाई में निर्मित सामग्री की मूल्य 6 लाख 97 हजार रुपये है और उत्पादित सामग्री की कुल लागत 4 लाख 91 हजार रुपये है। यहां साई बाबा स्व-सहायता समूह, जय मां तुलसी स्व-सहायता समूह, भारत माता स्व-सहायता समूह, जय गंगा मईया स्व-सहायता समूह, जय मां शाकम्भरी स्व-सहायता समूह, जय मां दंतेश्वरी स्व-सहायता समूह, मीनिमाता स्व-सहायता समूह, नर्मदा स्व-सहायता समूह और अन्य महिला समूहों की सदस्याएं संयुक्त हैं।
रीपा से जुड़ी महिलाएं अपने घरेलू कर्तव्यों को पूरा करने के बाद सभी सदस्य रीपा में आकर रेडीमेड वस्त्र तैयार कर रही हैं, जिससे उन्हें अच्छी आय प्राप्त हो रही है। महिलाओं ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को रोजगार प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया है।