राजधानी के शासकीय डेंटल कालेज में दांत के सड़न व रूटकेनाल के बाद लगने वाले साधारण से कैप तक नहीं लग पा रहे हैं। वहीं, बत्तीसी इंप्लांट की सुविधाएं सिर्फ अब ना की रह गई है। यहां मरीज तो आते हैं, लेकिन सेवाएं नहीं मिल पाती है। इसके चलते दांत कैप लगाने के लिए 300 से अधिक की वेटिंग हो चुकी है। वहीं, इंप्लांट के लिए सामान नहीं मिलने से मरीज को वापस भेज दिया जा रहा है।
बता दें शासकीय डेंटल कालेज में तीन महीने से दांत में कैप लगाने के लिए जरूरी मशीनें पिछले तीन माह से खराब पड़ी हुई है। सामान्यत: दांत खराब होने, रूटकेनाल कराने के बाद व अन्य इलाज के दौरान दांत में कृत्रिम कैप लगाए जाते हैं। यहां कैप तैयार करने के लिए जरूरी मशीनें एक-एक कर खराब हो गई हैं, लेकिन प्रबंधन ने इसपर कोई संज्ञान नहीं लिया। इसकी शिकायत कई बार की जा चुकी है। लेकिन छोटी सी समस्या बताकर टाल दिया जाता है।
इंप्लांट की सुविधा बंद
डेंटल कालेज में इंप्लांट की सुविधा शुरू की गई थी। लेकिन इंप्लांट के लिए जरूरी सामान की कमी के चलते कुछ केस करने के बाद इसे बंद कर दिया गया। ओपीडी में पहुंचने पर डाक्टर भी अब इलाज छोड़ सेवाएं बंद होने की सलाह ही दे पा रहे हैं। विडंबना है कि छोटी-छोटी सुविधाओं के लिए भी मरीजों को भटकना पड़ रहा है।
समस्या दुरुस्त करने के लिए हमने पहले ही कह दिया था। मशीन में छोटी सी समस्या आई दूर कर सेवाएं शुरू कर देनी चाहिए। यह जिम्मेदारों की लापरवाही है। दो दिन के भीतर इन सुविधाओं को शुरू करा देंगे।
डाक्टर वीरेंद्र वाढ़ेर, प्राचार्य, शासकीय डेंटल कालेज रायपुर