बिलासपुर। बिलासपुर न्यूज़ में जिले के युवा कांग्रेस अध्यक्ष शहर शेरू असलम और किसान के बीच जमीन के मुद्दे पर एक विवाद प्रारंभ हुआ है। इस घटना के दौरान जिला कांग्रेस के नेताओं ने किसान को धमकी देकर उठाकर ले जाने की कोशिश की है और उन्हें जान से मारने की धमकी दी है। इसके साथ ही, जमीन को छोड़ने के लिए उन्होंने दबाव बनाया है। इस मामले में पीड़ित किसान ने कलेक्टर सौरव कुमार के पास शिकायत दर्ज की है और उन्होंने जान से मारने का आरोप भी लगाया है। किसान ने युवा कांग्रेस नेता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
सरकंडा निवासी उमेंदराम साहू ने कलेक्टर को अपनी शिकायत में बताया कि मोपका में उनकी कृषि भूमि पर आधिपत्य का दावा राजस्व अभिलेख में दर्ज है। 22 जून को दोपहर 3.30 बजे उनकी जमीन पर काम चल रहा था, इसी समय युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष शेरू असलम सहित कई साथी पहुंचे और जमीन के दस्तावेज की मांग की। किसान ने कारण पूछने पर धमकी देते हुए जमीन के मेढ़ में तोड़फोड़ की। कांग्रेस नेता ने जमीन की खरीद पर बातचीत की और अपने आपको जमीन का मालिक बताया, जिसके पश्चात किसान ने अपने आपको भी जमीन का मालिक दावित किया और राजस्व दस्तावेज के होने की बात कही। कांग्रेसी नेता ने दस्तावेज दिखाने की मांग की, जिसके पश्चात किसान तैयार हो गए दस्तावेज दिखाने के लिए। कांग्रेस नेता ने अपनी राजनीतिक पहुंच को बताते हुए किसान को जमकर धमकाया है, उसने साथियों को भी उठा लेने और जान से मारने की धमकी दी है।
किसान और कांग्रेस नेता के बीच लंबे समय तक वाद-विवाद चल रहा था। इसी दौरान क्रोधित होकर कांग्रेसी नेता ने अपनी गाड़ी से हॉकी स्टिक निकालकर किसान को धमकाना शुरू किया। साथ ही, जमीन को छोड़ने के लिए दबाव बनाया गया। इस स्थिति में मौजूद दीनानाथ साहू और भिखम साहू ने वार को रोकने का प्रयास किया, जिसपर असलम ने उन्हें गाली देते हुए और जान से मारने की धमकी दी। पीड़ित किसान उमेंदराम ने कलेक्टर से जमीन को कब्जा मुक्त करवाने और असलम और उसके तीन साथियों के खिलाफ अपराध दर्ज करने की मांग की है। इस घटना के बाद सरकंडा पुलिस ने शामिल दोनों पक्षों को बुलाकर समझौता कराया है। उमेंदराम के बेटे दीनानाथ के मुताबिक, पांच दिनों के भीतर जमीन को वापस दिलाने का आश्वासन मिला है।
दहशत में किसान
कांग्रेस नेता की दबंगई और जान से मारने की धमकी के कारण, किसान उमेद राम के परिवार आतंकित हैं। किसान का कहना है कि जमीन उनकी है। सभी राजस्विक रिकॉर्ड और दस्तावेज उनके नाम पर हैं। इसके बावजूद, कांग्रेसी नेता द्वारा जबरन जमीन खरीदने की बात करते हुए उनके प्रति कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कलेक्टर और पुलिस प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है।