बिलासपुर। कोयला घोटाला मामले में आरोपित और जेक में बंद राज्य सेवा संवर्ग की अधिकारी सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। सौम्या चौरसिया, जिन्हें निलम्बित कर दिया गया है, पहले छत्तीसगढ़ की गिनती काफी रसूखदार अधिकारी के रूप में थीं।
शुक्रवार को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के सिंगल बेंच ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निलंबित उपसचिव सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका खारिज कर दी। सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका के पश्चात हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। लगभग दो महीने के बाद, आज इस मामले पर फैसला आया है। ज्ञात हो कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिसंबर के दो तारीख को सौम्या चौरसिया को कोयला घोटाला और अवैध उगाही गिरोह मामले में दोषी ठहराया था।
जस्टिस पी सैमकोशी ने सार्वजनिक किया आदेश
भूपेश बघेल सरकार में सबसे प्रभावशाली और अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाने वाली सौम्या चौरसिया को हाई कोर्ट द्वारा एक बड़ी धक्का मिली। लगभग दो महीने पहले, 12 दिनों की वकालत के बाद, न्यायाधीश पी सैमकोशी ने 23 जून (शुक्रवार) को इस मुद्दे का फैसला सुनाया। अभी तक न्यायालय की विस्तृत रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है।
ईडी आरोप लगाती है कि सौम्या चौरसिया ने सूर्यकांत तिवारी के माध्यम से कोयला घोटाला और अवैध उगाही गिरोह को संपन्न किया। ईडी के अनुसार, यह घोटाला प्रारंभ में 500 करोड़ रुपये से अधिक का है। ईडी ने इस मामले में कई आरोपियों की संपत्तियों को जब्त किया है। ईडी के विशेष सार्वजनिक प्राक्षिकक डॉ. सौरभ पांडे ने हाई कोर्ट द्वारा सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका को खारिज करने के फैसले की पुष्टि की है।