पीएम मोदी अमेरिकी दौरे के दौरान व्हाइट हाउस में स्टेट डिनर के लिए आमंत्रित हैं। यह दिलचस्प है कि इस डिनर की तैयारियों में फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन भी शामिल हुईं और मीडिया के सामने मेन्यू के कुछ हिस्से को साझा किया। राजकीय भोज की तैयारी व्हाइट हाउस के खास किचन में संपन्न हो रही है, जहां एक बड़ी टीम मेहनत और सावधानी से काम कर रही है। डिनर डिप्लोमेसी के क्षेत्र में अमेरिका का एक विशेष महत्व रखता है।
प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा इस बार कई मायनों में विशेष है। उन्हें राजकीय अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है, जिसे इंडो-अमेरिकी संबंधों में एक नया ऊर्जा संचार का प्रतीक माना जा रहा है। आज मोदी व्हाइट हाउस में राजकीय दावत, अर्थात स्टेट डिनर के लिए जाएंगे। यद्यपि कई नेताओं को अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ लंच या डिनर का मौका मिलता है, लेकिन स्टेट डिनर का महत्व अपार होता है। जानिए, इसके विशेषताएं और वाइट हाउस के अन्य भोजों से कैसे अलग होता है।
क्या है स्टेट डिनर और क्यों है खास?
प्रधानमंत्री वर्तमान में अमेरिका की स्टेट विजिट पर हैं। यह उनका वह दौरा है जिसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति खुद न्योता देते हैं। यह एक प्रकार का रेड-कार्पेट इनविटेशन है, जिसमें आमंत्रित मेहमान को विशेष संगठन की ओर से भव्य व्यवस्था प्रदान की जाती है। स्टेट डिनर इस यात्रा का महत्वपूर्ण अंग है, जिसमें मेजबान, अर्थात अमेरिकी प्रेसिडेंट, अपने अतिथि को अपने घर, अर्थात व्हाइट हाउस में भोज कराता है।
व्हाइट हाउस हिस्टोरिकल एसोसिएशन (WHHA) के मुताबिक, यह दावत अमेरिका में सरकारी मेहमानों के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्वागत है, जो उतना ही गरिमामय होता है। इसमें राष्ट्रपति के रसोई के शेफ और स्टाफ के साथ-साथ, फर्स्ट लेडी भी अपना योगदान देती हैं। वे स्वयं मेन्यू को देखती हैं और मेहमान की पसंद के अनुसार उसमें बदलाव करती हैं।
टेबल की सजावट तक डिस्कस होती है
काफी पहले से ही इसकी तैयारियाँ शुरू हो जाती हैं। इस दौरान ध्यान रखा जाता है कि डिनर टेबल पर किन रंगों के फूल सजाए जाएंगे। इस बार तिरंगे के समान फूलों से सजावट की जाएगी। साथ ही बैठने का व्यवस्था प्रोटोकॉल के अनुसार की जाती है। ध्यान दिया जाता है कि कहीं किसी के स्थान की अनादर न हो जाए।
सदियों पुरानी है स्टेट डिनर की परंपरा
WHHA के अनुसार, यह डिनर एक तरह से दोस्ती को मजबूत करने और नवीनतम निवाला तोड़ने का आयोजन है। इसकी शुरुआत 1874 में हुई थी, जब तत्कालीन अमेरिकी प्रेसिडेंट यूलिसेस ग्रांट और उनकी पत्नी जूलिया ग्रांट ने हवाई द्वीप के राजा को स्टेट डिनर के लिए बुलाया था। इसके बाद से, यह डिनर विदेशी महत्वपूर्ण मेहमानों के लिए विशेष बन गया है।
इस तरह तय होता है मेन्यू
जब कोई महत्वपूर्ण सम्मेलन या विदेशी नेता आते हैं, तो मेजबान देश संपूर्ण सतर्कता के साथ मेन्यू की तैयारी करता है। उसे पता चलता है कि नेता को क्या पसंद है, उन्होंने कितनी मसालेदार चीज़ें खाने की आदत बना रखी हैं। वह शाकाहारी भोजन चाहते हैं, सी-फूड प्राथमिकता है। किसी विशेष मसाले या गंध के साथ एलर्जी का भी ध्यान रखा जाता है। यहां तक कि उनके भोजन के समय को भी ध्यान में रखा जाता है और उसे उनके अनुसार डिनर या लंच का समय तय किया जाता है।
शाकाहारी खाना पकाने के लिए खास शेफ बुलाई गईं
प्रधानमंत्री मोदी के मामले में इस बार विशेष सतर्कता बरती जा रही है। मीडिया के साथ फर्स्ट लेडी ने खाद्य सामग्री की एक लिस्ट साझा की है, जिससे स्पष्ट होता है कि सभी व्यंजन शाकाहारी होंगे। इसके अलावा, बाजरे के व्यंजनों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, क्योंकि प्रधानमंत्री ने लंबे समय से भोजन में मोटा अनाज को शामिल करने की बात कही है। डिनर की तैयारी के लिए, वाइट हाउस शेफ को मदद के लिए एक प्रसिद्ध शेफ को भेजा जाएगा जो कैलिफोर्निया से है। निना कर्टी प्लांट-बेस्ट खाना पकाने में माहिर हैं।
मेन किचन में होगी तैयारियां
यह सब आयोजन वाइट हाउस की मुख्य रसोई में होगा, जो इमारत के नीचे स्थित है। साथ ही, दो पैंट्री भी हैं, जहां खाने पकाने सामग्री, सब्जियां, मसाले आदि संग्रहित रहते हैं। एक सर्विंग पैंट्री भी है, जहां पके हुए व्यंजनों की जरूरत के अनुसार तत्परता से परोसा जा सकता है।
राष्ट्रपति के स्नैक्स के लिए अलग पैन्ट्री
राष्ट्रपति को कई बार किसी विशेष खाद्य पदार्थ की इच्छा होती है। इस संदर्भ में, वे अपने कार्यालय से ही एक बटन दबाते हैं, जिसके बाद उन्हें विशेष खाद्य पदार्थ तुरंत प्रदान किए जाते हैं। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अक्सर कोल्ड ड्रिंक या बर्गर जैसे स्नैक्स मंगवाते थे। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप ने खुद एक लकड़ी के बॉक्स को दिखाया था, जिसमें एक बटन लगा होता है, जिसकी मदद से प्रेसिडेंट स्नैक्स आर्डर कर सकते हैं।
यहां होती है मीठे व्यंजनों की तैयारी
इसका मतलब है कि चॉकलेट शॉप केवल मेन किचन से ही जुड़ी हुई है। यह दुकान नहीं है, बल्कि यह खुद मेन किचन है जहां मिठाई और चॉकलेट्स बनाए जाते हैं। मेन किचन में आमतौर पर मेन कोर्स तैयार होता है। यही वह स्थान है जहां सरकारी राजदूतों या अवकाशित डिनर के लिए तैयारी की जाती है। इसे वाइट हाउस के डिनर डिप्लोमेसी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा सकता है।
ऐसे चुने जाते हैं रसोइये
किचन में, शेफ के अलावा सभी स्टाफ को सावधानी से चुना जाता है। इसके लिए कोई टेस्ट नहीं होता, बल्कि वाइट हाउस किचन में पहले से सेवा कर चुके अनुभवी कर्मचारियों के नाम सुझाए जाते हैं और उन्हें ही चुना जाता है। हालांकि, नये स्टाफ की नियुक्ति से पहले, उनका इतिहास जांचा जाता है ताकि उनके काम का ज्ञान और अनुभव जाना जा सके।