पाटन विधानसभा- श्री विजय बघेल दुर्ग के सांसद ने प्रदेश के स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाए थे, उस पर श्री अश्वनी साहू ने कहा कि पिछले 15 वर्षों तक छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार रही एवं डॉक्टर के हाथों में प्रदेश का कमान था। इसके बावजूद भी उनके कार्यकाल में स्वास्थ्य व्यवस्था लचर रही इसके लिए कौन जिम्मेदार है? डॉ रमन सिंह जी स्वयं एक डॉक्टर होकर भी प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को बदहाल रखा था एवं श्री विजय बघेल 2008 से 2013 के बीच संसदीय सचिव के रूप में सरकार का प्रतिनिधित्व करते थे उस समय उनकी नैतिकता कहां गई थी ? और अभी 4 वर्ष के संसदीय कार्यकाल का एक भी उदाहरण जनता के सामने पेश नहीं किए हैं, जिससे दुर्ग लोकसभा की मतदाता कह सके कि सांसद जी ने केंद्र सरकार की मदद से जनता के हित में एक भी अच्छा काम किया है। गांव की जनता पूछ रही है कि कौन से गांव में सांसद महोदय भूमि पूजन एवं लोकार्पण कार्यक्रम में कब आएंगे ? आदर्श सांसद ग्राम में भी कितना काम, कितनी राशि श्री विजय बघेल जी ने दिया है खुद को जनता के सामने आंकड़े पेश करना चाहिए।
अध्यक्ष श्री साहू ने आगे कहा कि- अभी अभी दिल्ली के हेल्थ मिशन दल का दौरा पाटन में बने देश के पहले ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट का अवलोकन किया एवं व्यवस्था की प्रशंसा किया और अभी तक 7 राज्यों की टीम आ चुकी है यह कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार की उपलब्धि है। सांसद श्री विजय बघेल अपनी नाकामी को छुपाकर सरकार एवं मुख्यमंत्री पर अनर्गल आरोप लगाना बंद करे।” श्री भूपेश बघेल की सरकार जनता के भरोसे की सरकार है “यह बातें छत्तीसगढ़ की मतदाता कह रही हैं । श्री विजय बघेल जी को स्मरण होना चाहिए कि स्वयं जब अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ करा रहे थे तो माननीय मुख्यमंत्री जी ने दूरभाष पर चर्चा कर श्री विजय बघेल जी का कुशल क्षेम पूछा और शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की । दलगत राजनीतिक भावना से उठकर सब की सेवा एवं जतन करना कांग्रेस सरकार एवं श्री भूपेश बघेल जी की प्राथमिकता है।
अध्यक्ष श्री अश्वनी साहू जी ने आगे कहा कि श्री विजय बघेल जी लोकसभा क्षेत्र में जनता का विश्वास खो हो चुकी है ना कोई उपलब्धि, ना कोई योजना अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन को चमकाने के लिए पाटन से विधानसभा का चुनाव लड़ूंगा कह कर बिना सूर के राग अलाप रहे हैं। दूसरों के ऊपर सवाल दागने वाले विजय बघेल जी से सवाल है कि लोकसभा के पटल पर क्या किसानों का मुद्दा उठाया? बल्कि तीन कृषि काले कानून को लाकर किसान हितों की दुहाई दे रहे थे। डीजल, पेट्रोल एवं रसोई गैस के दाम आसमान छू रहे थे, ऐसे समय पर लोकसभा में सवाल उठाने के बजाय मौनी बाबा बन गए थे। हर साल दो करोड़ नौकरी के आस में बैठे बेरोजगार युवकों के हित में क्यों आवाज नहीं उठाए, खाद्य वस्तुओं के दाम डबल हो गए एवं महंगाई आसमान छू रही थी उस समय भी आपकी चुप्पी को जनता देख रही थी। दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के जनता के बहुत सारे सवाल अभी भी है पर अफसोस सांसद जी के पास कोई जवाब नहीं ।