छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 12वीं बोर्ड की आंसरशीट की जांच में लापरवाही करने वाले शिक्षकों पर कठोर कार्रवाई की है। विभाग ने एक साथ 56 लेक्चरर को ब्लैक लिस्ट में शामिल किया है। इसके अलावा, बोर्ड ने 5 शिक्षकों की वेतन वृद्धि को रोकने की सिफारिश की है।
मिली जानकारी के अनुसार, उन शिक्षकों में से 53 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, और उन्हें अब तीन साल तक बोर्ड की कॉपियों की जांच नहीं करने की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा, 3 शिक्षकों को हमेशा के लिए मूल्यांकन काम से बाहर कर दिया गया है।
32 परीक्षा केन्द्रों में कराई गई थी जांच
जानकारी के अनुसार, माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 12वीं बोर्ड की आंसरशीट की जांच के लिए 32 सेंटर तैयार किए थे। इन सेंटरों में सीसीटीवी कैमरे भी स्थापित किए गए थे ताकि किसी भी प्रकार की लापरवाही रोकी जा सके। पुलिस के साथ ही अन्य सुरक्षाकर्मियों की भी यहां ड्यूटी तैनात की गई थी। लेकिन जब रिवैल में कई छात्रों के मार्क्स 20 से 50 अंकों से बढ़े तो ऐसे मूल्यांकनकर्ताओं की सूची तैयार की गई, और जांच में लापरवाही का पता चलने के बाद परीक्षाफल समिति की संयुक्त बैठक में ऐसे शिक्षकों को ब्लैक लिस्ट में शामिल करने का फैसला लिया गया है।
रिवैल में 20 से 50 नंबर बढ़े
आधारित माहिती के अनुसार, 12वीं कक्षा में 51 ऐसे शिक्षक हैं, जिनकी आंसरशीट की जांच के बाद रिवैल में छात्रों के मार्क्स 20 से 40 तक बढ़ गए हैं। ऐसे शिक्षकों को तीन साल के लिए ब्लैक लिस्ट में शामिल करके मूल्यांकन कार्य से वंचित किया गया है। वैसे ही, 2 ऐसे शिक्षक भी हैं, जिन्होंने पहले आंसरशीट की जांच की थी और रिवैल के बाद छात्रों के मार्क्स 41 से 49 तक बढ़ गए हैं।
इन शिक्षकों को 3 साल के लिए मूल्यांकन से दूर रखा जाएगा, साथ ही उनकी वार्षिक वेतन वृद्धि भी रोकी जाएगी। इसके साथ ही, खैरागढ़, दुर्ग और भिलाई के 3 शिक्षकों को हमेशा के लिए मूल्यांकन से हटा दिया गया है और उनकी एक साल की वेतन वृद्धि भी रोकने की घोषणा की गई है। इन शिक्षकों द्वारा जांची गई कॉपी में रिवैल के बाद 50 अंकों तक की वृद्धि हुई है, इसलिए उन पर अधिक सख्ती बरती गई है।
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