रायपुर। रायपुर समाचार: खाने की थाली में सबसे महत्वपूर्ण मानी जाने वाली अरहर दाल ने रसोई के बजट को बिगाड़ दिया है। पिछले महीने, यह अरहर दाल 125 रुपये प्रति किलोग्राम में उपलब्ध थी, लेकिन वर्तमान में यह 155 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। इसके परिणामस्वरूप, माह भर में मात्र 30 रुपये प्रति किलोग्राम तक की वृद्धि हो गई है। इसके साथ ही, चावल और आटा भी महंगा हो गया है।
थोक बाजार में वर्तमान दिनों में अरहर दाल की कीमतें 12,500 रुपये प्रति क्विंटल से लेकर 15,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई हैं। किराना दुकानों में अरहर दाल वर्तमान में 130 से 160 रुपये प्रति किलोग्राम में बिक रही है। बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि इस वर्ष मौसम के कारण अरहर दाल की उपज पर असर पड़ा है। फसल में कमजोरी हो गई है और मांग के मुकाबले आपूर्ति कम है। इसलिए कीमतों में इतनी वृद्धि हुई है। बाजार के सूत्रों के अनुसार आगामी दिनों में अरहर दाल की कीमतें 200 रुपये प्रति किलोग्राम तक भी पहुंच सकती हैं। थोक अनाज व्यापारी प्रकाश अग्रवाल ने बताया कि आपूर्ति कमजोर है और इसके मुकाबले बाजार में मांग अधिक है। इसका परिणामस्वरूप, दालों की कीमतों में इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है।
नई फसल के लिए दिसंबर का इंतजार
कारोबारियों का कहना है कि अरहर दाल की नई फसल के लिए दिसंबर का इंतजार है। इस समय तक, कीमतों में किसी भी प्रकार की राहत की उम्मीद नहीं है। आने वाले दिनों में अरहर दाल की कीमतें और बढ़ सकती हैं। प्रदेश में अरहर दाल की आपूर्ति मुख्य रूप से अकोला और अमरावती से होती है।
चावल भी 400 रुपये क्विंटल महंगा
पिछले कई महीनों से स्थिर रहने वाले चावल की कीमतों में भी तेजी दिखाई दे रही है। अनाज बाजार में एचएमटी चावल वर्तमान में 400 रुपये प्रति क्विंटल से 4400 से 5200 रुपये प्रति क्विंटल महंगा हो गया है। इसके परिणामस्वरूप, किराना दुकानों में चावल 46 रुपये से 55 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं। जयश्रीराम चावल भी वर्तमान में 5200 से 6000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है। चावल के साथ ही, गेहूँ भी वर्तमान में 2800 से 4300 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रही है।
खाद्य तेलों ने दी राहत
एक ओर, दालों के साथ ही चावल भी रसोई के बजट को बढ़ाने में जुटे हुए हैं। वहीं, दूसरी ओर खाद्य तेलों ने उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है। खुदरा बाजार में खाद्य तेलों की कीमतें वर्तमान में 105 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई हैं। विशेषकर सोयाबीन, पाम तेल और सरसों तेल में गिरावट हुई है। बताया जा रहा है कि आयात शुल्क माफ होने के कारण खाद्य तेलों में गिरावट हुई है और आने वाले दिनों में कीमतें और भी घट सकती हैं।