मृतकों के घर, यानी कब्रों की सुरक्षा भी आजकल संदिग्ध है। टूटी हुई कब्रों के अंदर से देसी शराब मिलने से हरिश्चंद्र मामले में हड़कंप मच गया है। सूचना प्राप्त होने पर पुलिस ने एक-एक करके कई कब्रों के अंदर बोरियां निकाली हैं। इन सभी बोरियों में शराब के पाउच भरे थे। साथ ही उन बोरियों में शराब का खाली पाउच भी पाया गया है।
बिहार में शराबबंदी के बावजूद, शराब छिपाने के लिए तस्कर विभिन्न हाथकंडों का इस्तेमाल कर रहे हैं। टैंकर से लेकर तहखानों तक, तालाबों से लेकर कुएं तक, हर जगह शराब की बोतलें छिपाई जाने की खबरें सामने आ रही हैं। इसके साथ ही अब मुर्दों के घर भी सुरक्षित नहीं हैं। एक नया मामला रोहतास जिले के सासाराम में सामने आया है, जहां कब्रों से भरी गई बोरियों में शराब बरामद की गई है।
कादिरगंज में स्थित अलावल खान के मकबरा स्थल के कब्रों से अवैध शराब बरामद हो रही है। इसके साथ ही शराब बनाने के उपकरण और अन्य सामग्री भी मिली है। ऐसा मतलब है कि शराब माफियाओं ने अब कब्रगाह को अपना शराब छिपाने का ठिकाना बना लिया है। इसके विशेष बात यह है कि पुरानी कब्रों को शराब छिपाने के लिए उपयोग हो रहा है।