अपहरण और हत्या शव को ठिकाने लगाने आरी से काट दिए थे पैर खौफनाक कांड के तीन आरोपी गिरफ्तार

भिलाई– भिलाई 3 थाना क्षेत्र में हुए मर्डर का खुलासा पुलिस ने आज कर दिया है, आरोपियों ने फिरौती के लिए अपहरण व हत्या के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया था।वहीं शेष दो आरोपियों को नागपुर से गिरफ्तार किया है।साथ इस हत्याकांड की विस्तार पूर्वक जानकारी साझा की।आरोपियों ने हत्या के बाद शव को बोरे में भरने के लिए आरी से उसके पैर काट दिए थे मामला 1 जून को एकता नगर भिलाई तीन निवासी विमला साहू ने थाने पहुंचकर बताया कि उनके पति ओम प्रकाश साहू 31 मई 2023 की शाम 7:30 घर से निकला उसके बाद नहीं लौटा।दूसरे दिन 1 जून को सुबह 10.15 बजे उनके पति के मोबाईल से फोन आया जिसमें अज्ञात व्यक्ति ने कहा कि ओम प्रकाश ने उसके सट्टे का 30 लाख रुपए का चूना लगया।है।दो दिन में 30 लाख रुपए नहीं मिलने पर ओम प्रकाश की डेड बॉडी तुम्हारे घर भेज दूंग।पुलिस के पास गये तो तुम्हारे पति का डेड बॉडी तुम्हारे घर पहुंच जाएगी।शिकायत के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की,इसके बाद पुलिस ने एक टीम बनाई और जांच शुरू की।जांच के दौरान पुलिस को कुछ मोबाइल नंबर मिले और इसके आधार पर आशीष तिवारी की इस घटना में संलिप्तता पाई गई।इसके बाद पुलिस ने आशीष तिवारी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की।पूछताछ में पहले तो आशीष तिवारी गुमराह करता रहा, लेकिन कड़ाई से पूछताछ में उसने सारी सच्चाई उगल दी।पूछताछ में आशीष तिवारी ने बताया कि डकैती के प्रकरण में सेन्ट्रल जेल दुर्ग में ओम प्रकाश साहू से जान पहचान हुई।

ओम प्रकाश साहू के जमानत पर छूटने के बाद उसने आशीष तिवारी के पिता सूर्य प्रताप तिवारी से उसकी जमानत के लिए 30 हजार रुपए लिए लेकिन जमानत नहीं करा,जेल में रहने के दौरान और जेल से बाहर आने के बाद भी ओम प्रकाश के द्वारा जमानत कराने के लिये दिये गये पैसे एवं अन्य कुछ लेन देन के लगभग 1.50 लाख रुपए नहीं लौटाए।इसे लेकर आशीष तिवारी काफी आक्रोशित था।अपने रुपए निकलवाने के लिए उसने अपने साथी रजनीश पाण्डेय एवं अनुज तिवारी के साथ मिलकर ओम प्रकाश साहू के अपहरण की योजना बनायी।योजना के मुताबिक बीएसएनएल का सिम लिया और 31 मई 2023 की शाम 5:30 बजे उसी नम्बर से ओम प्रकाश साहू को फोन कर उमदा शराब भट्टी के पास मिलने बुलाया।इसके बाद वह अपने साथियों के साथ उमदा शराब भट्टी पहुंचा।ओम प्रकाश साहू अपने मेस्ट्रो वाहन से पहुंचा।उसके बाद शराब व चखना लेकर चारों लोगा खदान के पास गये और वहीं पर शराब पिए।उमदा में किराए के मकान में गए और वहां भी चारों ने शराब पी।ज्यादा नशा होने के कारण सभी वहीं सो गए।सुबह 4:00 बजे तीनों उठे और ओम प्रकाश साहू की हत्या कर दी।हत्या के बाद तीनों शव के वहीं छोड़कर चले गये।इसके बाद दूसरे दिन अलग अलग समय पर उसकी पत्नी को फिरौती के लिए फोन किया।इसके बाद शाम को बाजार से आरी और बोरा लेकर पहुंचे और ओम प्रकाश के शव को बोरे में भरने के लिए पहले उसके पैर काटकर मोड़ा और बोरे में भरने के बाद मेस्ट्रों से बांधकर मयुरा कंपनी के पीछे खादान तालाब में गये फेंक दिया।इसके बाद वापस आ गए।आशीष तिवारी ने बताया कि गुमराह करने के लिए ओम प्रकाश के घर वालों को महादेव सट्टा का पैसा लेने की बात बताई।आशीष तिवारी के पूछताछ के बाद प्रकरण के अन्य आरोपी रजनीश पाण्डेय एवं अनुज तिवारी की पतासाजी की।दोनों को नागपुर रेल्वे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया।आरोपियों की निशान देही पर मृतक का शव, मेस्ट्रो वाहन, मोबाईल फोन, हत्या की घटना में प्रयुक्त मोबाईल फोन, ऑरी एवं मोटर सायकल बरामद कर जब्त किया गया

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