पशु चिकित्सा सेवा के दो अफसरों को बर्खास्त कर दिया गया है।
दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में मामला दर्ज किया गया था। डॉ० डी.एस. ध्रुव तत्कालीन उप संचालक, पशु चिकित्सा वायें जिला कांकेर (वर्तमान उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवायें, जिला गरियाबंद) और पी.एल. सरल, पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ, कार्यालय उप संचालक, पशु चिकित्सा वायें जिला कांकेर के विरुद्ध थाना आर्थिक अपराध अन्वेषण एवं एंटी करपान ब्यूरो रायपुर, काई जगलदपुर में अपराध क्र. 21/2012 के अंतर्गत भा.दं.सं. धारा-420, 419, 467, 468, 71, 120 बी एवं धारा 13 (1) सी. 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत् पंजीबद्ध किया गया। था।
दिनांक 24.08.2017 को 48 घंटे से अधिक जिला जल कांकेर में निरूद्ध रहने के कारण डॉ० ध्रुव को विभागीय समसंख्यक आदेश दिनांक #3.09.2017 द्वारा एवं डॉ० सरल के फरार रहने तथा मान० न्यायालय में चालान प्रस्तुत किये जाने के कारण विभागीय समसंख्यक आदेश दिनांक 22.12.2017 द्वारा निलंबित किया गया। डॉ० ध्रुव एवं डॉ० सरल की निलंबन अवधि एक वर्ष से अधिक हो जाने के कारण निलंबन अवधि का निराकरण न्यायालय के अंतिम निर्णय के अध्याधीन रखते हुए कमशः विभागीय समसंख्यक आदेश दिनांक 06.10.2018 एवं 29.06.2019 द्वारा निलंबन से बहाल किया गया। विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण कांकेर द्वारा पारित आदेश दिनांक 29.07.2022 में अभियुक्तगणों डॉ० डी.एस. ध्रुव उप संचालक एवं डॉ० पी. एल. सरल दोनों दोषसिद्धि पाये गये। आपराधिक कृत्य एवं अपराध कारित करने की परिस्थिति को देखते हुए दोनों अभियुक्तों को तीन-तीन वर्ष सश्रम कारावास की सजा एवं 1000-1000 रूपये अर्थदण्ड तथा अर्थदण्ड की अदायगी नहीं करने की दशा में एक-एक माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया गया है। विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण कांकेर द्वारा पारित आदेश दिनांक 29.07.2022 में अभियुक्तगणों को दण्डित किया गया है, जो सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम-3(1) के अंतर्गत कदाचरण की श्रेणी में आता है। विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण कांकेर द्वारा पारित आदेश दिनांक 29.07. 2022 एवं सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देश दिनांक 08.02.1999 एवं 27.09.2010 के परिप्रेक्ष्य में डॉ० डी.एस. ध्रुव, उप संचालक एवं डॉ० पी.एल. सरल, पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 10 (नौ) में निहित प्रावधान अनुसार सेवा से पदच्युत करने (Dismiss) की शास्ति अधिरोपित किया गया है।