धमतरी। धमतरी न्यूज़: रूद्री बांध के गेट के पास महानदी मुख्य नहर के तेज प्रवाह में डूबते हुए तीन लड़कों के लिए बच्चों की कूदने की रस्सी (स्किपिंग रोप) एक महत्वपूर्ण सहायक साबित हुई। इसी रस्सी के सहारे धमतरी निवासी पत्रकार डोमन साहू ने तीन लड़कों की फ्रीडम फिजिकल ट्रेनिंग के युवकों के साथ मिलकर उनकी जान बचाई। रूद्री बांध में बड़ी घटना से बच गई। वर्तमान में नगर निगम रायपुर और धमतरी के लिए 350 क्यूसेक पानी नहर में छोड़ा जा रहा है।
दरअसल, 26 मई की सुबह आठ बजे पांच मिनट के भीतर, लोग रूद्री बांध के पानी में नहाने में व्यस्त थे। उसी समय, बेमेतरा से अपनी नानी के घर जाने आए आयुष साहू नहाने के दौरान बांध के गेट की ओर पानी के उल्टे बहाव को खींचने लगे। जब उसे उल्टे बहाव में जाते देखा गया, तो दो और लड़के उसकी बचाव के लिए पानी में चले गए और तीनों को पानी के भवर में डूबते देखा गया। उन्हें डूबते हुए देखकर वहां नहा रहे लोगों ने बांध की दीवार के पाइपनुमा छेद को पकड़ने कहा। तभी तीनों लड़के एक दूसरे का सहारा लेकर छेद को पकड़कर किसी भी तरह खड़े रहे। उन्हें देखकर सभी लोग शोर मचाने लगे। इस पर पत्रकार डोमन साहू ने तत्काल रस्सी लेकर पानी में कूद गए।
पानी को पार करके उस ओर पहुंचे और फ्रीडम फीजिकल ट्रेनिंग के तीन लड़कों को स्किपिंग रोप से पकड़कर पानी में कूद गए। इसके बाद, डोमन साहू ने रस्सी पकड़ी। ट्रेनिंग के लिए तीनों लड़कों ने डोमन साहू को पकड़ा। डोमन ने तीनों लड़कों को रस्सी के सहारे बाहर निकालने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सके। क्योंकि गेट की ओर पानी का उल्टा बहाव होने के कारण बाधा आ रही थी। इसके बाद, डोमन साहू पानी के सीधे तेज प्रवाह में तैरते हुए गए और रस्सी को फेंककर तीनों को पानी के उल्टे बहाव से सीधे तेज प्रवाह में लाए। इसके बाद, रस्सी को पकड़कर कुछ दूर तक तीनों को पानी में बहते रहे। अंत में, डोमन साहू ने पानी के भीतर पत्थर पर पैर रखकर तीनों को थाम लिया। इसके बाद, रस्सी के सहारे तीनों लड़कों और डोमन साहू सकुशलता से पानी से बाहर निकल गए। हार्दिक साहू, निखिल ध्रुव, माधव, संजय, भूषण, और अरशद अली, जो फ्रीडम फीजिकल ट्रेनिंग के बठेना वार्ड के सदस्य हैं, ने सकुशलता से तीनों लड़कों को बाहर निकालने में सहयोग किया।
फ्रीडम फीजिकल ट्रेनिंग के लड़के स्वयं फंस गए
तीनों लड़कों को बचाने के लिए फ्रीडम फीजिकल ट्रेनिंग के दो लड़के पानी में कूद गए। ये दोनों लड़के उल्टे बहाव के कारण जिस ओर से पानी में कूदे थे, उसी ओर बाहर निकलने में असमर्थ रहे। तैरते हुए वे रूद्री बराज के गेट के पास पहुंच गए। गेट पर चढ़ते हुए और उपर की ओर चढ़ने का प्रयास करते रहे। गेट के पास फिसलकर दोनों पानी में दो बार गिरे, इसके बाद फिर से ऊपर की ओर चढ़े। वे दोनों गेट में 20 मिनट तक फंसे रहे। अंत में, पानी के बहाव की दिशा में कूदकर किसी तरह वे तैरकर बाहर निकले।
रूचि और खुशी का यूनिक आइडिया काम आया
विद्याकुंज लोहरसी की कक्षा आठवीं की छात्रा रूचि साहू और कक्षा पांचवीं की छात्रा खुशी साहू दोनों बहनें हैं। वे दोनों तैराकी में माहिर हैं। रूचि और खुशी ने दो रस्सियों को जोड़कर लंबी रस्सी बना ली है। जब वे रूद्री बराज के नहर में तैरती हैं, तो वे इस लंबी रस्सी का उपयोग किनारे तक पहुंचने के लिए करती हैं। जब तीनों लड़के डूबने लगे, तब रूचि और खुशी ने अपने पापा को उन्हें बचाने के लिए सूझबूझ का परिचय दिया। वे अपने पापा डोमन साहू को आइडिया बताते हुए उन्हें थैले में रखी रस्सी को निकालकर देने के लिए कहा। इसके बाद, डोमन साहू रस्सी को लेकर पानी में कूदे और सफलतापूर्वक उन्हें बचाया। वे रस्सी की मदद से पार करके सुरक्षित तरीके से उस पार पहुंचे।
तैरना नहीं आता वे पानी में न उतरे: डोमन साहू
डोमन साहू ने बताया कि वे पिछले 20 वर्षों से नहर में नहा रहे हैं। महानदी मुख्य नहर में बराज के गेट के पास गहराई है। नहर के सड़क वाले घाट की ओर पानी का बहाव किनारों से टकरा कर उल्टा हो जाता है और एक भंवर बनाता है। यह भंवर उन लोगों को गेट की ओर खींचता है जो उसमें उतरते हैं। इसी उल्टे बहाव में तीनों लड़के फंस गए थे। डोमन ने बताया कि जब उन्होंने आयुष को बचाने के लिए जाकर उसे रस्सी दी और उसका हाथ पकड़ा, तो वह कांप रहा था। डोमन साहू ने अपील की है कि जिन्हें तैरना नहीं आता, वे पानी में न उतरें। और जिन्हें तैरना आता है, वे भी भंवर की ओर पानी में न जाएं।
धमतरी डीएस कुंजाम द्वारा एसडीओ जल संसाधन विभाग ने बताया कि रूद्री बराज के पास महानदी मुख्य नहर में पानी का बहाव तेज रहता है और वहां नहाना मना है। उसने इसकी जानकारी पुलिस को भी दी है। जब पुलिस वहां आती है, तो नहाने वाले लोग भाग जाते हैं। हालांकि, मना करने के बावजूद, लोग तेज बहाव में नहाने के लिए वहां आते हैं।