विमान यात्रियों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन कंपनियां कमा रही हैं: 81% बाजार पर इंडिगो और टाटा का कब्जा, गो फर्स्ट सहित कई कंपनियों की हालत खराब हो रही है।

देश में विमान सेवाओं का व्यवसाय तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन कंपनियाँ धीरे-धीरे कम हो रही हैं। घरेलू मार्गों पर 81% से अधिक बाजार हिस्सेदारी इंडिगो और टाटा समूह के पास है। बाकी 19% में से लगभग 15% हिस्सेदारी दूसरे दो कंपनियों की हैं। इनमें से एक गो फर्स्ट का ऑपरेशन बंद हो चुका है और स्पाइसजेट की स्थिति भी ठीक नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि घरेलू एविएशन सेक्टर द्विपोली दिशा में बढ़ रहा है, जिसका अर्थ है कि बाजार में केवल दो कंपनियों या समूहों का ही दबदबा होगा।

देश में 15 विमानन कंपनियाँ मौजूद हैं, लेकिन केवल 7 कंपनियाँ सक्रिय हैं। इनमें से दो (गो फर्स्ट और स्पाइसजेट) की स्थिति खराब है और दो (एअर इंडिया, विस्तारा) मर्ज की प्रक्रिया में हैं। एलकेपी सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड, एस रंगनाथन के अनुसार, “द्विपोली स्थिति स्पष्ट दिख रही है। जेट एयरवेज का ऑपरेशन शुरू होने की संभावना बहुत कम लग रही है।”

आकाशीय ऑपरेटर तो कर रही है, लेकिन सिर्फ नाम के लिए। कंपनी की बाजार हिस्सेदारी मात्र 0.5% भी नहीं है। आपको याद होगा, 30 अप्रैल को नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया था कि 2,978 उड़ानों में एक रिकॉर्ड 4,56,082 यात्री यात्रा की। इसके बस दो दिन बाद, 3 मई को गो फर्स्ट ने ऑपरेशन बंद कर दिया था।

गो फर्स्ट: एयर लाइन का घाटा ढाई गुना से ज्यादा बढ़

कंपनी के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 में उसकी 1,346.72 करोड़ रुपये की हानि हुई। यह 2021-22 में बढ़कर 1,807.8 करोड़ रुपये हो गई। इस साल अप्रैल तक की स्थिति के अनुसार, गो फर्स्ट पर कुल 11,463 करोड़ रुपये का कर्ज है।

इंडिगो-टाटा समूह: दोनों समूह की बैलेंस शीट अच्छी

एविएशन कंसल्टेंट हर्षवर्धन ने बताया कि 2008 से ही अधिकांश भारतीय एयरलाइन कंपनियाँ लाभहीन हैं। जेट एयरवेज, किंगफिशर जैसी कंपनियाँ बंद हो चुकी हैं और कुछ कंपनियाँ बिक गई हैं। हालांकि, इंडिगो ने विस्तार करते रहने का निर्णय लिया है। टाटा समूह भी इसी मार्ग पर है और दोनों कंपनियों की बैलेंसशीट मजबूत है।

एयर ट्रैफिक: मार्च की तुलना में अप्रैल में घरेलू यात्री बढ़े

DGCA (विमानन नियामक महानिदेशालय) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में घरेलू विमान यातायात में 15% की वृद्धि हुई है। पिछले महीने दिन-प्रतिदिन औसतन 4.3 लाख यात्री ने उड़ान से यात्रा की है। इसके मुकाबले, वित्त वर्ष 2022-23 के मार्च में औसतन रोज़ 3.73 लाख लोग ने उड़ान भरी थी।

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