‘निमाह मैथ्यूज’ के किरदार को निभाने वाली एक्ट्रेस योगिता बिहानी चर्चा में हैं, जो ‘द केरला स्टोरी’ में अभिनय कर रही हैं। इस फिल्म में निमाह एकमात्र उस ग्रुप की एक्ट्रेस हैं, जो कट्टरपंथियों की बहकावे में नहीं आती हैं। वह इसके खिलाफ स्टैंड भी लेती हैं।
योगिता ने बताया है कि फिल्म बनाने में काफी मेहनत लगी है। फिल्म बनाते समय कई सारे मोमेंट्स से गुजरना पड़ा है, इसलिए जब कोई इस फिल्म को प्रोपेगेंडा कहता है, तो यह बहुत बुरा लगता है।
किसी खास एजेंडा के तहत नहीं बनी फिल्म
योगिता ने दैनिक भास्कर के साथ बातचीत में कहा, ‘फिल्म से जुड़े हर एक्टर यही कह रहा है कि फिल्म को किसी खास एजेंडा के तहत नहीं बनाया गया है। हम सभी ने बहुत ईमानदारी के साथ यह फिल्म बनाई है।
हमारी फिल्म को बहुत सारे लोगों का पसंद आया है। कुछ ऐसे सेक्शन हैं जिन्हें यह फिल्म प्रोपेगेंडा लग रही है। हमें इस बात से बहुत बुरा लगता है कि कोई हमारी मेहनत पर सवाल उठा रहा है। हालांकि, सभी का अपना-अपना सोचने का तरीका होता है। हम किसी को फिल्म देखने के लिए जबरदस्ती नहीं कर सकते।
‘फिल्म में जो दिखाया गया, असलियत में लड़कियों के साथ ऐसा होता है’
योगिता से पूछा गया कि अगर उन्हें फिर से किसी वीमेन एम्पावरमेंट वाली फिल्म से जुड़ने का मौका मिले, तो क्या वह जुड़ना पसंद करेंगी। उन्होंने कहा, ‘इस फिल्म में औरतों से जुड़े कई सीन्स हैं जो असलियत में होते हैं। लड़कियों के साथ ऐसी घटनाएं होती हैं, और वे डर के मारे इसके बारे में किसी से चर्चा भी नहीं कर पाती हैं।
कई बार लड़कियाँ इस डर के कारण अपने आपको सुसाइड जैसे कदम उठा लेती हैं। ऐसे हालात में उन्हें सपोर्ट की आवश्यकता होती है। हमें महिलाओं को सशक्त बनाने की आवश्यकता है ताकि वे अपनी नई पीढ़ी को भी सशक्त बना सकें। अगर भविष्य में वीमेन एम्पावरमेंट से जुड़े और प्रोजेक्ट ऑफर हों, तो मैं उससे ज़रूर जुड़ना चाहूंगी।
निमाह जैसी स्ट्रॉन्ग लड़की का किरदार बनकर खुश हैं योगिता
योगिता ने फिल्म में अपने किरदार के बारे में बात करते हुए कहा, ‘मेरा यकीन मानिए, स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद मुझे निमाह का किरदार सबसे पसंद आया था। मुझे यही भूमिका चाहिए थी। फिल्म में निमाह का किरदार सबसे स्ट्रॉन्ग था। वह अपने साथ होने वाले सभी हादसों से खुद को बचाती है। उसके साथ रेप हुआ, उसे परेशान किया गया लेकिन वह अपने दोस्तों के खातिर लड़ने के लिए फिर भी खड़ी हो गई।
इस किरदार को अपनाने के लिए मैंने मुख्तारा माई और मलाला यूसुफजई के कई वीडियोज देखे। इससे मुझे काफी ताकत मिली। ये वे लोग हैं जिन्होंने जीवन में इतना कुछ सहा है, लेकिन फिर भी लड़ते रहे हैं। इस तरह के किरदार के लिए खुद को मेंटली स्ट्रॉन्ग रखना बहुत जरूरी होता है। मेरे लिए यह जर्नी आसान नहीं रही। अब फिल्म को लेकर जिस तरह की कॉन्ट्रोवर्सी हो रही है, इसे फेस करना एक अलग चैलेंज है।
प्रोजेक्ट से जुड़ने से पहले कई इंटरनेशनल फिल्में देखीं
फिल्म की कहानी रियल-लाइफ बेस्ड है, तो क्या योगिता ने फिल्म से जुड़ने से पहले किसी तरह का रिसर्च किया था। जवाब में एक्ट्रेस ने कहा, “जब आप कोई प्रोजेक्ट जॉइन करते हो, तो आप अपने डायरेक्टर और प्रोड्यूसर पर पूरा विश्वास रखते हो। मैंने अपनी भूमिका के लिए उनसे बात की और उनकी समझ प्राप्त की। इसके अलावा, मैंने उस वक्त चर्चा की जब यह घटना हुई थी और लोगों से उनके अनुभव सुने। इससे मुझे उस वाक्या की महत्ता समझ में आई और मैं अपने किरदार को बेहतरीन ढंग से निभा सकी।”
वे इस स्क्रिप्ट पर पिछले 5 साल से काम कर रहे थे, जितनी रिसर्च उन्होंने की है, वो शायद मैं 15-20 दिनों में नहीं कर पाऊंगी। जब मुझे अप्रोच किया गया तब मैंने इस सब्जेक्ट से जुड़ी कुछ इंटरनेशनल फिल्में देखीं। ये कई देशों में हो रहा है। मैं इस कहानी से कनेक्ट कर गई और फिल्म से जुड़ गई।