भोले भाले किसानों को लालच देकर उठा रहे फायदा
पाटन खेतों में फसल कटाई के बाद हरे भरे पेड़ों की अवैध कटाई शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र पाटन विधानसभा के गांव गांव तक लकड़ी तस्कर सक्रिय हो गए हैं। इन तस्करों के द्वारा भोले भाले किसानों को कुछ रुपयों का लालच देकर भरपूर फायदा उठाया जा रहा है। आलम यह है कि रोजाना लाखों टन लकड़ियों का परिवहन शहरी क्षेत्र के आरा मिलों में हो रहा है पाटन के आस पास के गावों में लकड़ी की अवैध कटाई धड़ल्ले से चल रही ,लकड़ी तस्कर किसानो से सस्ते दामों में लकड़ी लेकर आरा मिलों में बेचकर ऊंचे दामों में अच्छा पैसा कमा रहे है। गर्मी के दिनों में फसल कटाई के बाद लकड़ी तस्कर क्षेत्र में काफी दिनों से सक्रिय है।
भोले भले किसानो सम्पर्क करके उनके खेतों में लगी पेड़ सस्ते दामों में खरीद रहे है ज्यादा तर ग्रमीण इलाकों में प्रतिबंधित वृक्षों की कटाई और कीमती लकड़ियों का अवैध कारोबार खूब फल – फूल रहा है। इस अवैध कार्य के कारोबार को बढ़ावा देने बकायदा सबंधित अफसरों की सहमति और संरक्षण प्रदान तो नहीं कर रहे है ऐसी आशंका लोगों द्वारा जताई जा रही है। लकड़ी तस्करो के लिए यह क्षेत्र इस गैर क़ानूनी प्रतिबंधित कारोबार के लिए सुरक्षित ठिकाना साबित हो रहा है। विदित हो की एक ओर जहां वन विभाग पुराने वृक्षों को बचाने और नए पौधा रोपण करने की बात कहते हैं वहीं वास्तविकता में जमीनी हकीकत इसके उल्टा है मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में लकड़ियों की अवैध कटाई तस्करों द्वारा ग्रमीण इलाकों में की जा रही है और वन विभाग की उदासीनता से लकड़ी तस्करो के हौसले बुलंद है | सबंधित प्रशासन के पौधा रोपण और वृक्ष बचाओ आदेश का जमकर लकड़ी तस्करो द्वारा धज्जिया उड़ाई जा रही है पुरे सिस्टम को ताक में रखकर लकड़ी तस्करी का कारोबार खूब चल रहा है जिस हिसाब से लकड़ी तस्करों द्वारा हरे भरे पेड़ो को काटा जा रहा है आरा मिलों में जमा कर तस्करी की जा रही है इसके मुकाबले में पौधा रोपण की गति काफी धीमी दिकाई दे रही है