नकली सोना देकर लाखों रूपये की ठगी करने वाला अलवर राजस्थान का अंतर्राज्यीय ठग संत आदेश दास उदासी उर्फ भगत सिंह उर्फ भक्ति सिंह गिरफ्तार |

विवरण – प्रार्थिया श्रीमती गोपा शर्मा निवासी एच आई जी 1/142, सेक्टर 01, पं. दीनदयाल उपाध्याय नगर, रायपुर ने थाना डी.डी.नगर मंे रिपोर्ट दर्ज कराया कि उसके घर विगत दो वर्षाे से एक साधु संत आदेश दास उदासी आया करते थे, चूंकि प्रार्थिया स्वयं एक सनातनी पौराणिक ब्राम्हण परिवार से है, जिससे वह घर आये साधु संतो का यथा संभव सम्मान करती थी। संत आदेश दास उदासी प्रार्थिया के उज्जवल भविष्य हेतु सिद्ध किये हुए रूद्राक्ष, तांबे के सिक्के इत्यादि प्रार्थिया को दिया करते थे और प्रार्थिया भी उन्हें आर्थिक मदद करती थी। इस प्रकार विगत दो वर्षों में संत आदेश दास उदासी ने प्रार्थिया का विश्वास अर्जित कर लिया था। दिनांक 6 मार्च 2023 को संत आदेश दास ने प्रार्थिया के मोबाईल फोन पर फोन कर बोला कि उनके गुरूजी जो 106 वर्ष के थे, उनकी मृत्यु पश्चात छोटे गुरूजी को उनका सोने का आभूषण मिला है, जिन्हें वे आपके पास रखवाना चाहते है तथा बदले में आश्रम के जीर्णाेधार हेतु आप तत्काल रू. 15,00,000/- (पन्द्रह लाख रूपये) नगद हमें दे देवें तो बड़ा आभार होगा। दिनांक 16.03.2023 को संत आदेश दास ने मोबाईल फोन पर प्रार्थिया को फोन कर निवेदन किया कि आश्रम में हवन पूजन एवं स्वर्ण आभूषण के शुद्धिकरण हेतु रू. 35,000/- पैंतीस हजार फोन पे के माध्यम से भेज देवें जिस पर प्रार्थिया ने फोन पे के माध्यम से संत आदेश दास उदासी को 35,000/- रूपये भेज दिया। दिनांक 18.03.2023 को नागपुर जाकर आदेश दास उदासी के द्वारा प्रार्थिया को एक लाल कपडे में लिपटा दो सोने के बिस्कुट्स दिखाया तथा बताया कि प्रत्येक बिस्कुट लगभग 1-1 किलो के है, जिन्हें हम आपको देना चाहते है कहने पर प्रार्थिया ने 15,00,000 रूपये देकर दोनों बिस्कुट्स लेकर अपने पति के साथ वापस रायपुर आ गई। दूसरे दिन संत आदेश दास उदासी ने प्रार्थिया को फोन कर कहा कि 10 दिनों तक उक्त स्वर्ण बिस्कुट की सिद्धि करना है। अतः कपडे से बाहर नहीं खोलना तो प्रार्थिया ने वैसे ही किया। प्रार्थिया को संदेह होने पर बिस्कुट की सत्यता का परीक्षण कराया तब ज्ञात हुआ कि संत आदेश दास उदासी द्वारा दिया गया बिस्कुट सोने का नहीं है। इस प्रकार आरोपी संत आदेश दास उदासी द्वारा प्रार्थिया को सोने का नकली बिस्किट देकर नगदी 15,00,000/- रूपये प्राप्त कर ठगी किया गया, जिस पर आरोपी के विरूद्ध थाना डी.डी.नगर में अपराध क्रमांक 200/23 धारा 420, 34 भादवि. का अपराध पंजीबद्ध किया गया।

ठगी की उक्त घटना को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय श्री प्रशांत अग्रवाल द्वारा गंभीरता से लेते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर/अपराध श्री अभिषेक माहेश्वरी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पश्चिम श्री डी.सी.पटेल., नगर पुलिस अधीक्षक पुरानी बस्ती श्री राजेश चौधरी, प्रभारी एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट तथा थाना प्रभारी डी.डी.नगर निरीक्षक कुमार गौरव साहू को आरोपी की पतासाजी कर  जल्द से जल्द गिरफ्तार करने निर्देशित किया गया। जिस पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट तथा थाना डी.डी.नगर पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा आरोपी की पतासाजी करना प्रारंभ किया गया। टीम के सदस्यों द्वारा आरोपी द्वारा उपयोग किये गये मोबाईल नंबरों का तकनीकी विश्लेषण करते हुए आरोपी की उपस्थिति गोविंदगढ जिला अलवर राजस्थान में होना पाये जाने पर टीम के सदस्यों द्वारा राजस्थान के गोविंदगढ़ रवाना होकर आरोपी की पतासाजी करते हुए आरोपी संत आदेश दास उदासी उर्फ भगत सिंह उर्फ भक्ति सिंह को गिरफ्तार किया गया।

पूछताछ में आरोपी द्वारा अपने एक अन्य साथी के साथ मिलकर ठगी की उक्त घटना को कारित करना स्वीकार किया गया। जिस पर आरोपी संत आदेश दास उदासी को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से ठगी की नगदी रकम 80,000/- रूपये एवं घटना में प्रयुक्त 01 नग मोबाईल फोन जप्त कर आरोपी के विरूद्ध कार्यवाही किया गया। 

प्रकरण में संलिप्त एक अन्य आरोपी फरार है, जिसकी पतासाजी कर गिरफ्तार करने के हर सभंव प्रयास किये जा रहे है। 

गिरफ्तार आरोपी- संत आदेश दास उदासी उर्फ भगत सिंह उर्फ भक्ति सिंह पिता स्व. काला सिंह उम्र 22 वर्ष निवासी हनुमान कालोनी रामवास थाना गोविंदगढ जिला अलवर राजस्थान।

कार्यवाही में निरीक्षक कुमार गौरव साहू थाना प्रभारी डी.डी.नगर, एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट से निरीक्षक गौरव तिवारी, प्र.आर. अनिल पाण्डेय, आर. विजय पटेल, हिमांशु राठौड़, रवि तिवारी, राहुल शर्मा तथा थाना डी.डी.नगर से उपनिरीक्षक जय प्रकाश नेताम की महत्वपूर्ण भूमिंका रहीं।

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