मोचा तूफान केवल बस्तर में प्रभावी, और अधिकांश स्थानों पर तापमान 400 डिग्री या इससे अधिक है, और सबसे गर्म स्थान में 44.7 डिग्री का सक्ती है।
अप्रैल के पूरे महीने और मई के पहले हफ्ते में ठंडी गुजरने के बाद अब छत्तीसगढ़ में दोपहर की गर्मी बढ़ती जा रही है। गुरुवार को बिलासपुर संभाग में दोपहर का तापमान 44.7 डिग्री के रिकार्ड को छू रहा है। राजधानी रायपुर में भी दिनों के बाद दोपहर का तापमान 40 डिग्री से ऊपर पहुंच गया है। हालांकि, बस्तर के कुछ हिस्सों में मोचा तूफान के कारण बौछारें भी हुई हैं। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, तूफान के कारण शुक्रवार को प्रदेश में कुछ स्थानों पर बौछारें आ सकती हैं।
बाकी हिस्सों, विशेषकर मैदानी क्षेत्रों में दोपहर के तापमान में वृद्धि की संभावना है। छत्तीसगढ़ के उत्तरी और मध्यीय क्षेत्रों में पश्चिमी दिशा से आ रही सूखी और गर्म हवा का प्रभाव दिखना शुरू हो गया है। दिन का तापमान बढ़ रहा है और इससे तेज गर्मी का अनुभव हो रहा है। सक्ती और आसपासी क्षेत्रों में दोपहर का तापमान 45 डिग्री के करीब पहुंच गया है।
रायपुर में गुरुवार को दोपहर का तापमान 40.4 डिग्री तक बढ़ गया, जबकि राजनांदगांव में यह 41.5 डिग्री तक पहुंचा। हालांकि, बिलासपुर, पेंड्रारोड, अंबिकापुर और जगदलपुर जैसे क्षेत्रों में दिन का तापमान 40 डिग्री से कम रहा, लेकिन यहां भी हवा में नमी कम हो गई है। इसलिए, यहां भी शुक्रवार से तापमान में वृद्धि की संभावना है, बिंदु स्वरूप आसमान साफ रहेगा।
मौसम विभाग के अनुसार, मोचा तूफान का सीधा प्रभाव सिर्फ बस्तर पर ही है। यह तूफान छत्तीसगढ़ के अन्य हिस्सों पर सीधा प्रभाव नहीं डाल रहा है। हालांकि, इसके परिणामस्वरूप समुद्र से कुछ नमी आने लगी है। पिछले 24 घंटे के दौरान बस्तर जिले के तोकापाल में सबसे अधिक 30 मिमी की वर्षा हुई है।
लालपुर के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, शुक्रवार को कांकेर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, बस्तर, कोंडागांव, नारायणपुर और सुकमा जिलों में बादलों के कारण कुछ जगहों पर बौछारें दर्ज की गई हैं। इन जगहों में एक-दो जगहों पर अंधड़ के साथ बौछारें भी पड़ सकती हैं। इसके अलावा, एक-दो जगहों पर भारी वर्षा की भी संभावना है।