कनाडा अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा मेले के दौरान, कनाडियन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में बात की। इस मौके पर, मोदी सरकार ने कनाडा में नौकरी के अवसरों को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने कहा कि भारत और कनाडा के बीच टेक्नोलॉजी, विज्ञान और अन्य क्षेत्रों में उद्योगों के लिए अधिक संयोजन की आवश्यकता है। उन्होंने भी बताया कि भारतीय युवाओं को कनाडा में नौकरी के अवसर मिलेंगे और इस बारे में कदम उठाए जाएंगे।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और कनाडा की अंतरराष्ट्रीय व्यापार, निर्यात संवर्धन, लघु उद्योग और आर्थिक विकास मंत्री मैरी एनजी के बीच हुई बैठक के बाद, संयुक्त बयान में इस बात की घोषणा की गई।
भारतीय युवाओं को जल्द ही कनाडा में एडुकेशन और करियर के नए अवसर मिलेंगे। भारत और कनाडा ने कुशल कामगारों, पेशेवरों और छात्रों की आवाजाही को लेकर तेजी से बातचीत करने की सहमति जताई हैं। दोनों देशों के अनुसार, द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने में ये कदम महत्वपूर्ण हैं।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और कनाडा की अंतरराष्ट्रीय व्यापार, निर्यात संवर्धन, लघु उद्यम तथा आर्थिक विकास मंत्री मैरी एनजी के बीच बैठक के बाद संयुक्त बयान में यह कहा गया है। दोनों नेताओं ने व्यापक व्यापार समझौते के महत्व पर जोर दिया है। उल्लेखनीय है कि दोनों देशों ने 2022 में व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) पर बातचीत शुरू की थी। लक्ष्य को हासिल करने के मकसद से व्यापार समझौते पर शुरूआती प्रगति (ईपीटीए) पर बातचीत जारी है और इस पर कई दौर की बातचीत पहले ही हो चुकी है।
ईपीटीए व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते की दिशा में एक शुरूआती कदम है। व्यापार समझौते के तहत, वस्तुओं, सेवाओं, निवेश, व्यापार और तकनीकी बाधाओं तथा विवाद समाधान के अलावा अन्य बातों पर भी विचार किया जाएगा। दोनों मंत्रियों की यह बैठक भारत-कनाडा मंत्रिस्तरीय व्यापार और निवेश बातचीत के तहत हुई थी। गोयल इस बैठक के लिए कनाडा में थे।
बयान के अनुसार, “मंत्रियों ने दोनों देशों के बीच बड़ी संख्या में पेशेवरों, कुशल श्रमिकों, छात्रों तथा कारोबारियों की यात्रा और द्विपक्षीय आर्थिक भागीदारी बढ़ाने में इनके महत्वपूर्ण योगदान पर गौर किया। इस संदर्भ में दोनों पक्षों ने पलायन और आवाजाही पर बातचीत बढ़ाने पर सहमति जताई।” इसमें कहा गया है कि दोनों पक्षों ने उपयुक्त व्यवस्था के जरिये द्विपक्षीय नवोन्मेष परिवेश को मजबूत करने के तरीकों पर बातचीत जारी रखने पर भी सहमति व्यक्त की।
बयान के अनुसार, दोनों मंत्रियों ने सरकारी स्तर पर महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए तालमेल के महत्व को सहमति जताई। भारत में लिथियम, टाइटेनियम, वैनेडियम, कोबाल्ट, निकल और ग्रेफाइट जैसे महत्वपूर्ण खनिजों की भारी मांग है। इसका कारण देश में 2030 तक बड़े पैमाने पर नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देने का लक्ष्य है। इसके अलावा, दोनों देशों ने कृषि वस्तुओं, रसायन, हरित प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचा, वाहन, स्वच्छ ऊर्जा तथा इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की।