रायपुर
राजधानी रायपुर के खमतराई पुलिस ने नवंबर माह में ट्रक लीज में लेकर उसे फर्जी दस्तावेजों के सहारे छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और झारखंड में बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था। पुलिस ने 100 से अधिक ट्रक को इसी तरह से बेचे जाने के मामले में 12 से अधिक आरोपितों को गिरफ्तार किया था। तीन जनवरी की रात को इस गिरोह का सदस्य शहाबुद्दीन अहमद काजी डा. भीमराव आंबेडकर अस्पताल से प्रहरियों को चकमा देकर फरार हो गया था। पुलिस अब तक इसकी तलाश नहीं कर पाई है।
शहाबुद्दीन की गिरफ्तारी के लिए रायपुर पुलिस के जवान उसके रिश्तेदारों पर नजर रखे हुए है। आरोपित का पता लगाने के लिए तकनीकी जांच का भी इस्तेमाल कर रही है। शहाबुद्दीन ट्रक चोरी और उसको खपाने का मुख्य आरोपित है।
रायपुर में रहते हैं रिश्तेदारपुलिस के अनुसार आरोपित के रिश्तेदार रायपुर में रहते हैं। पुलिस उन पर नजर रखे हुए है। आरोपित के रिश्तेदार भी पिछले 10 वर्षों में आर्थिक रूप से काफी मजबूत हुए हैं। जानकारी के अनुसार शहाबुद्दीन के फरार होने के बाद रिश्तेदार भी गायब हैं।गिरोह के स्थानीय सदस्य जांच से दूरपुलिस ने इस मामले में अलग-अलग जिलों और राज्यों से 12 से ज्यादा आरोपितों को गिरफ्तार किया है। गिरोह से जुड़े स्थानीय आरोपियों तक पुलिस की जांच अब तक नहीं पहुंची है। ये आरोपित पूर्व में तेलीबांधा में गैराज का संचालन करते थे। शहाबुद्दीन इन सभी आरोपितों के संपर्क में था। पुलिस का अनुमान है कि शहाबद्दीन बंगाल की तरफ फरार हो सकता है, क्योंकि उसने वहां कई गाड़ियां बेची हैं और वहां पर उसका मजबूत नेटवर्क है। पुलिस वहां उसके छिपने के संभावित ठिकानों का पता लगा रही है।