क्या संभव है कि विजन कैमरे की मदद से टीचर-छात्र द्वारा बनाई गई कार खुद से चलने लगे? एनआईटी के छात्रों ने दिखाया कमाल!

अब रायपुर के गाड़ियां सेल्फ ड्राइविंग मोड पर जा रही हैं, जिसका मतलब है कि अब ड्राइवर की आवश्यकता नहीं होगी। इस उत्कृष्ट प्रोजेक्ट का संचालन रायपुर एनआईटी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सत्यप्रकाश साहू और पीएचडी स्कॉलर दीपक कुमार देवांगन ने मिलकर किया है। इन विद्वानों ने सेल्फ ड्राइविंग कार के एक प्रोटोटाइप का निर्माण किया है, जिसमें एक विजन कैमरे का उपयोग किया गया है। यह इसलिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें लिडार, रडार जैसे महंगे और जटिल सेंसर की तुलना में केवल एक कैमरा का उपयोग किया गया है।

यह सेल्फ ड्राइविंग कार ड्राइविंग इंटेलिजेंस के बारे में विशेषज्ञों द्वारा विकसित किया गया है। यह कंप्यूटर विजन और डीप लर्निंग एल्गोरिथ्म पर काम करता है। इसका उद्देश्य यह है कि सेल्फ ड्राइविंग कार द्वारा सड़क, लेन मार्किंग, स्पीड ब्रेकर और गड्ढों जैसी चीजों को पहचान

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