“छत्तीसगढ़ में कोरोना से 2 लोगों की मौत हुई, 307 नए केस सामने आए: अब एक्टिव मरीजों की संख्या 2567 है; पॉजिटिविटी दर 8.45 फीसदी है और 25 जिलों में संक्रमित मरीज मिले हैं।”

“छत्तीसगढ़ में पिछले 24 घंटों में कोरोना से 307 नए मरीज सामने आए हैं। जिससे एक्टिव मरीजों की संख्या 2567 हो गई है। इस दौरान 2 मरीजों की मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, दोनों मरीजों की मौत को-मॉर्बिडिटी थी, जिसका मतलब है कि वे कोरोना के साथ किसी अन्य बीमारी से भी पीड़ित थे।”

“दुर्ग में सबसे ज्यादा 26 मरीज कोरोना संक्रमित हुए हैं। पॉजिटिविटी दर 8.45 फीसदी तक पहुंच गई है। प्रदेश में को-मॉर्बिडिटी के साथ हो रही लगातार मौतों की वजह से स्वास्थ्य विभाग की चुनौतियों में अब और तेजी से वृद्धि हुई है। शनिवार को 3631 लोगों ने कोरोना का टेस्ट कराया था।”

25 जिलों में मिले मरीज

प्रदेश में सबसे ज्यादा 26 मरीज दुर्ग जिले में मिले हैं। अन्य जिलों में भी कुछ मरीज मिले हैं, जैसे रायपुर में 25, बलौदा बाजार में 25, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 22, बिलासपुर में 19, कांकेर में 19, कोरिया में 19, सरगुजा में 17, कबीरधाम में 17, सूरजपुर में 16, धमतरी में 15, बालोद में 13, राजनांदगांव में 12, रायगढ़ में 11, नारायणपुर में 10, कोरबा जिले में 9, बलरामपुर में 7, जांजगीर-चांपा जिले में 6, बेमेतरा में 5, सुकमा में 4, जशपुर में 3, महासमुंद में 3, बस्तर में 2 और गरियाबंद और दंतेवाड़ा में 1-1 मरीज मिले हैं।

कोरोना से होने वाली मौत के आंकड़े जो बीते 10 दिनों में सामने आए हैं, उनमें को-मॉर्बिडिटी के कारण ही सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं।

२१ अप्रैल – कुल ३ मौतें हुई, जिसमें से २ मौतों की वजह को-मॉर्बिडिटी थी और एक मरीज कोरोना से हुआ था।

22 अप्रैल – किसी भी मरीज की कोरोना से मौत नहीं हुई।
23 अप्रैल – 1 मरीज की मौत हुई, जिसमें को-मॉर्बिडिटी शामिल थी।
24 अप्रैल – किसी भी मरीज की कोरोना से मौत नहीं हुई।
25 अप्रैल – 1 मरीज की मौत हुई, जिसमें को-मॉर्बिडिटी शामिल थी।
26 अप्रैल – 1 मरीज की मौत हुई, जिसमें को-मॉर्बिडिटी शामिल थी।
27 अप्रैल – 3 मरीजों की मौत हुई, जिनमें सभी को-मॉर्बिडिटी के कारण हुईं।
28 अप्रैल – कुल 3 मौतें हुईं, जिसमें 2 मरीजों की मौत को-मॉर्बिडिटी के कारण हुई थी और 1 मरीज कोरोना से हुई थी।

२९ अप्रैल – को-मॉर्बिडिटी के साथ २ मरीजों की मौत हुई।

बीते ९ दिनों में कोरोना से १४ लोगों की मौत हुई, जिनमें से १२ को-मॉर्बिडिटी के साथ मरे गए थे। यह मानवता के लिए एक खतरे की घंटी है, जो दिखा रहा है कि कोरोना अन्य गंभीर बीमारियों के साथ संयुक्त रूप से जानलेवा बन रहा है।

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