Baloda Bazar Violence: भाजपा जांच दल का दावा, आगजनी के पीछे कांग्रेस का षड्यंत्र, विधायक और पूर्व विधायक थे शामिल…|

बलोदा बाजार हिंसा: राज्य ब्यूरो, रायपुर। बलोदा बाजार हिंसा मामले में भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है। भाजपा की एक टीम घटना की जांच के लिए घटना स्थल पर पहुंची। यहां भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि कांग्रेस ने आंदोलन के लिए सुनियोजित तैयारी की थी। यहां लगभग 15 हजार लोगों के लिए खाने की व्यवस्था की गई थी। साथ ही आने-जाने के लिए गाड़ियां उपलब्ध कराई गई थीं।

भाजपा की पांच सदस्यीय टीम गिरौदपुरी में उस अमरगुफा तक भी पहुंची, जहां सतनामी समाज के धार्मिक प्रतीक चिन्ह जैतखाम को नुकसान पहुंचाया गया था। यहां भाजपा के सदस्यों ने पूजा अर्चना की और पुजारियों तथा सेवादारों से बातचीत की। इसके बाद उन्होंने बलोदा बाजार कलेक्ट्रेट कार्यालय और एसपी कार्यालय में चल रहे मरम्मत कार्यों का निरीक्षण किया।

मीडिया से बातचीत में कैबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि बलोदा बाजार अग्निकांड और तोड़फोड़ के पीछे कांग्रेस की साजिश है। पूर्व विधायक रुद्रगुरु से लेकर विधायक देवेंद्र यादव, कविता प्राण लहरे और कांग्रेसी नेता शैलेंद्र बंजारे उन नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने आंदोलन के लिए खाने से लेकर गाड़ियों की व्यवस्था की। बाकी फंडिंग कांग्रेस ने की। भाजपा जांच दल में संयोजक दयालदास बघेल, सदस्य टंकराम वर्मा, शिवरतन शर्मा, नवीन मार्कण्डेय और रंजना साहू शामिल थे।

बघेल ने कहा- टेंट लगाने वालों से लेकर रसोइया तक भाजपाई

भाजपा के आरोपों पर कांग्रेस ने पलटवार किया। आरोप के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बलौदाबाजार हिंसा की जड़ में भाजपा है। टेंट लगवाने वाले से लेकर रसोइयों तक में भाजपाई शामिल रहे। हजारों की तादाद में आंदोलन कर्मी पहुंच गए। यहां सरकार उपद्रवियों को रोकने में नाकाम साबित हुई है। भाजपा के आरोपों पर कांग्रेसी विधायक कविता प्राण लहरे ने कहा कि भोजन व्यवस्था से लेकर गाड़ियों की व्यवस्था करवाने का आरोप सरासर बेबुनियाद है। भाजपाइ घटना की जांच के नाम पर राजनीति कर रहे हैं।

सरकार को प्रस्ताव देंगे उपद्रवियों की सम्पत्ति कुर्क हो

भाजपा जांच समिति के सदस्यों ने कहा है कि हम सरकार को प्रस्ताव देंगे कि उपद्रवियों की सम्पत्तियों को कुर्क करके क्षतिपूर्ति की राशि की व्यवस्था की जाए। चाहे शासकीय सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया हो या निजी सम्पत्तियों को। उपद्रवियों और आंदोलनकारियों की सम्पत्तियों की कुर्की का प्रस्ताव जांच समिति की रिपोर्ट में शामिल होगा, ताकि दोबारा इस तरह की घटना न हो सके।

कांग्रेस जांच समिति लगा चुकी है भाजपा पर आरोप

इससे पहले कांग्रेस ने जांच दल घटना स्थल पर भेजा था। बलौदाबाजार हिंसा के मामले में दोनों राजनीतिक पार्टियों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाया है। इस घटना में कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया, वहीं भाजपा ने तस्वीरें जारी करते हुए कांग्रेस नेताओं के शामिल होने का आरोप लगाया था। आंदोलन में शामिल रहने वाले कांग्रेसी नेता देवेंद्र यादव और रुद्रगुरु की तस्वीरें भाजपा ने पहले ही जारी कर दी थी। उल्लेखनीय है कि बलौदाबाजार में 10 जून को आगजनी और तोड़फोड़ के मामले में अब तक 100 से अधिक गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। राज्य सरकार ने घटना की जांच के लिए एसआइटी गठित की है।

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