भिलाई समाचार । आईआईटी कुटेलाभाठा में प्रवेश पाने के लिए फर्जी गेटपास उपलब्ध कराने वाले एक गिरोह का पता पुलिस को चला है। इस मामले के उजागर होने के बाद जेवरा सिरसा चौकी पुलिस ने धोखाधड़ी की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की और जांच शुरू कर दी है। इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से एक फर्जी गेटपास बनाने वाला और दूसरा फर्जी गेटपासधारी शामिल है। दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और कूटरचना की धाराओं के तहत कार्रवाई कर उन्हें जेल भेज दिया गया है।
पुलिस ने जानकारी दी कि आईआईटी के कुलसचिव डॉ. जयेश चंद्र एस पै ने इस मामले की शिकायत पुलिस से की थी। इस शिकायत के आधार पर गौरव साहू नामक व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। जांच में सामने आया कि गौरव साहू पहले आईआईटी में ठेका श्रमिक के रूप में कार्यरत था, लेकिन अब उसका काम छूट गया था। वह पुनः आईआईटी में प्रवेश करना चाहता था। आईआईटी में प्रवेश के लिए गेटपास की आवश्यकता थी, इसलिए उसने कोहका निवासी महेंद्र सिन्हा से संपर्क किया।गार्ड ने दी आईआईटी प्रशासन को जानकारी
बताया गया कि महेंद्र फोटोग्राफी का काम करता है और स्कूली बच्चों के आई कार्ड भी बनाता है। गौरव के अनुरोध पर, महेंद्र ने आईआईटी का लोगो और अन्य जानकारी जुटाकर एक गेटपास कार्ड डिजाइन किया और उसे गौरव को भेज दिया। गौरव ने उस कार्ड की कॉपी आईआईटी के एक गार्ड को भेज दी। जब गार्ड ने फर्जी गेटपास कार्ड देखा, तो उसने आईआईटी प्रशासन को इसकी सूचना दी। इसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा।
आरोपियों को भेजा जेल
पुलिस ने मामले की जांच की और फर्जी गेटपास बनाने वाले महेंद्र सिन्हा (35) और फर्जी गेटपासधारी गौरव साहू को गिरफ्तार किया। दोनों आरोपी कोहका के निवासी हैं। जांच में यह भी सामने आया कि एक गेटपास बनाने के बाद महेंद्र सिन्हा ने अन्य लोगों से भी संपर्क किया था, यह बताते हुए कि वे भी अगर चाहें तो आईआईटी का फर्जी गेटपास बनवा सकते हैं। दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और कूटरचना की धाराओं के तहत कार्रवाई कर उन्हें जेल भेज दिया गया है