अंबिकापुर। अंबिकापुर शहर के पास स्थित कंचनपुर गांव में मंगलवार रात एक किराना दुकान और घर में भीषण आग लग गई। जानकारी के अनुसार, जब आग लगी उस समय गांव में बिजली नहीं थी। उस दुकान में किराने का सामान और अन्य सामान्य वस्तुओं के अलावा पेट्रोल भी बेचा जाता था। उसी समय एक युवक पेट्रोल खरीदने के लिए दुकान पर आया। दुकान में बैठी महिला ने पेट्रोल को डिब्बे से बोतल में डालना शुरू किया।जिस वक्त आग लगी गांव में लाइट गुल थी। गर्मी के कारण ग्रामीण लालसाय अपनी पत्नी दरीना को दुकान में बैठाकर अपने तीन वर्षीय बच्चे के साथ दुकान के सामने टहल रहा था। आग लगने के बाद जितनी तेजी से दुकान से घर तक फैली, उससे अनुमान लगाया जा सकता है कि अगर आग लगने के दौरान तीनों दुकान के भीतर होते तो मामला बड़ा गंभीर हो सकता था। लेकिन लाइट गुल होने के कारण पति और बच्चा बाहर थे। हालांकि महिला काफी गंभीर रूप से झुलस गई है।
दुकान में अंधेरा होने के कारण वहां मोमबत्ती जल रही थी। पेट्रोल मोमबत्ती के संपर्क में आ गया और तुरंत ही भीषण आग लग गई। महिला और युवक दोनों आग की चपेट में आ गए। युवक ने जलते हुए पेट्रोल के डिब्बे को पैर से दूर फेंकने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान उसका पैर आग की चपेट में आ गया। महिला आग लगने के बाद दुकान के भीतर कोने में खड़ी हो गई। उसी समय दुकान में रखे फ्रिज का कंप्रेसर फट गया, जिससे आग और भी तेजी से फैल गई। सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ी और टीम मौके पर पहुंची। दमकलकर्मियों ने आग पर काबू पाने के साथ-साथ महिला को भी सुरक्षित बाहर निकाला। आग से गंभीर रूप से झुलसी महिला और युवक को मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में भर्ती कराया गया है। इस घटना में किराना दुकान और घर पूरी तरह से जलकर खाक हो गए।
जानकारी के अनुसार, गांधीनगर थाना क्षेत्र के कंचनपुर में लालसाय नामक ग्रामीण कार्तिक किराना दुकान का संचालन करता है। दुकान घर के सामने एक छोटे से हिस्से में है, जबकि परिवार पीछे के हिस्से में रहता है। उसकी 34 वर्षीय पत्नी दरीना और तीन साल का एक बेटा भी है। मंगलवार रात करीब आठ बजे बिजली गुल होने से अंधेरा था, इसलिए दरीना ने दुकान में मोमबत्ती जलाई थी। इसी दौरान गांव का एक युवक, अजय, अपने वाहन के लिए बोतल में पेट्रोल लेने आया। दरीना ने पेट्रोल के डिब्बे से बोतल में पेट्रोल डालना शुरू किया। उसी समय, मोमबत्ती और पेट्रोल का संपर्क हुआ और आग तेजी से फैल गई। हड़बड़ी में दरीना के हाथ से पेट्रोल का डिब्बा अजय की तरफ गिरा, जिससे वह आग की चपेट में आ गया। अजय ने तुरंत जलते हुए पेट्रोल के डिब्बे को पैर से बाहर फेंका, लेकिन उसका पैर झुलस गया। आग तेजी से फैलने लगी और दरीना अंदर की ओर भागी।
सूचना मिलने पर फायर स्टेशन प्रभारी अंजनी तिवारी के निर्देश पर फायर चालक पवन गुप्ता, फायरमैन गौरव पाठक, राजेश्वर गुप्ता और नंदकिशोर तुरंत मौके पर पहुंचे। तब तक आग दुकान और घर के हिस्से में फैल चुकी थी। दमकल कर्मियों ने तुरंत आग बुझाने का प्रयास शुरू किया और एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया।
दमकलकर्मियों ने दिखाया साहस, आग के बीच से महिला को निकाला
आग बुझाने के दौरान दमकलकर्मियों को पता चला कि किराना दुकान संचालक की पत्नी दरीना भीतर आग में फंसी हुई है। यह जानने के बाद, गौरव पाठक, नंदकिशोर, और राजेश्वर ने साहस दिखाते हुए आग की लपटों के बीच से गुजरकर अंदर प्रवेश किया और किसी तरह महिला को बाहर निकाला। तब तक दरीना काफी हद तक आग से झुलस चुकी थी। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची एंबुलेंस ने युवक अजय और महिला दरीना को उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचाया। महिला की हालत गंभीर बताई जा रही है, जबकि युवक की स्थिति खतरे से बाहर है, लेकिन उसके पैर का निचला हिस्सा जल गया है।
पति व बच्चा बाहर होने से गंभीर दुर्घटना टली
जिस वक्त आग लगी गांव में लाइट गुल थी। गर्मी के कारण ग्रामीण लालसाय अपनी पत्नी दरीना को दुकान में बैठाकर अपने तीन वर्षीय बच्चे के साथ दुकान के सामने टहल रहा था। आग लगने के बाद जितनी तेजी से दुकान से घर तक फैली, उससे अनुमान लगाया जा सकता है कि अगर आग लगने के दौरान तीनों दुकान के भीतर होते तो मामला बड़ा गंभीर हो सकता था। लेकिन लाइट गुल होने के कारण पति और बच्चा बाहर थे। हालांकि महिला काफी गंभीर रूप से झुलस गई है।