कांकेर नक्सल आमने-सामने: कांकेर जिले में नक्सलियों के खिलाफ हुई अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई में, जवानों ने 25-25 लाख के दो इनामी समेत 29 नक्सलियों को मार गिराया है। इस सफलता में बीएसएफ और जिला रिजर्व पुलिस (डीआरजी) की संयुक्त कार्रवाई शामिल है।
जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ ऐसे समय पर हुई है, जब तीन दिन बाद पहले चरण (19 अप्रैल) में बस्तर में मतदान होना है। बता दें, 14 अप्रैल को राजनांदगांव में चुनावी सभा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्र की सत्ता में तीसरी बार काबिज होने पर नक्सलमुक्त छत्तीसगढ़ का संकल्प लिया था।
#WATCH कांकेर, छत्तीसगढ़: ASP मनीषा ठाकुर ने कहा, “सभी शवों को अस्पताल लाया गया है। नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है…कुछ शवों की पहचान बाकी है…प्रशासन की टीम मौजूद है, एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट और FSL की टीम भी यहीं है।” pic.twitter.com/pIoof0IHjH
नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में तीन जवान भी घायल
मारे गए नक्सलियों की संख्या अभी और बढ़ने की उम्मीद है। मुठभेड़ मंगलवार को दोपहर डेढ़ से शाम साढ़े चार बजे तक चली। मारे गए नक्सलियों में 25 लाख रुपये का इनामी रावघाट कमेटी प्रभारी शंकर राव तथा 25 लाख की इनामी उत्तर बस्तर डिविजन प्रभारी ललिता माड़वी भी शामिल हैं।
प्रतापपुर एरिया कमेटी कमांडर राजू सलाम भी मारा गया है। मुठभेड़ के दौरान एक बीएसएफ इंस्पेक्टर को पैर में गोली लगी है। दिस्त्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के दो जवानों भी घायल हो गए हैं। तीनों को हवाई मार्ग से रायपुर भेजा गया है। इसी महीने, दो अप्रैल को बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों के जवानों ने मुठभेड़ में 13 नक्सलियों को मार गिराया था।
आइजी-डीआइजी ने बताया बड़ी सफलता
बस्तर के आइजी पी सुंदरराज तथा बीएसएफ के डीआइजी आलोक कुमार सिंह ने नक्सल विरोधी अभियान में इसे बड़ी सफलता करार दिया है। उन्होंने बताया कि थाना छोटेबेठिया से लगभग 14-15 किमी दूर डीआरजी एवं बीएसएफ की संयुक्त पार्टी और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। नक्सलियों से सात एके-47 और तीन एलएमजी हथियार और इंसास रायफल भी बरामद किए गए हैं।
कांकेर के एसपी आइके एलेसेला ने बताया कि चुनाव के दौरान हिंसा के लिए महाराष्ट्र की सीमा से सटे इस क्षेत्र में नक्सलियों की बैठक की सूचना के आधार पर संयुक्त कार्रवाई करते हुए घेराबंदी की गई। नक्सलियों ने जवाबी हमला किया परंतु उन्हें पहाड़ी क्षेत्र में नीचे की तरफ भागने को मजबूर होना पड़ा। जवानों को इसका लाभ मिला और उन्हें ढेर कर दिया। जानकारी के अनुसार मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों के ढाई सौ से तीन सौ जवान जंगल से नक्सलियों के शवों को लाने गए। इन शवों को पखांजूर लाया गया है।
सेंट्रल कमांडर रामदेव के होने की सूचना पर कार्रवाई
डीआइजी इंटेलिजेंस आलोक कुमार सिंह ने बताया, नक्सली शंकर राव और दूसरे सीनियर सेंट्रल कमांडर रामदेव की उपस्थिति की सूचना मिलने के बाद कार्रवाई की गई। 185 से 200 नक्सलियों के जुटने की पुख्ता जानकारी थी। इसके बाद नक्सलियों को चारों ओर से घेरकर हमला किया गया।
पिछले 20 दिनों में 48 नक्सली ढेर
इधर छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद विष्णुदेव साय की सरकार में पिछले साढ़े तीन माह में हुई मुठभेड़ों में 80 नक्सलियों के मारे जाने से जवान भी उत्साहित हैं। पिछले 20 दिनों में ही 48 नक्सलियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है।
10 अप्रैल को हुई थी उच्च स्तरीय बैठक
नौ और 10 अप्रैल को दो दिवसीय दौरे के दौरान गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और आइबी के डायरेक्टर तपन कुमार डेका नक्सलियों के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई की रणनीति बनाने के लिए रायपुर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने 10 राज्यों के मुख्य सचिवों और डीजीपी के साथ आनलाइन बैठक भी की थी। उस दौरान शांतिपूर्ण लोकसभा चुनाव और नक्सल इलाकों में इंटेलीजेंस ब्यूरो के इनपुट के आधार पर खुफिया आपरेशन की रणनीति भी बनाई गई थी। अधिकारियों ने बताया था कि खुफिया सूचना पर कश्मीर के आतंकियों की तरह ही छत्तीसगढ़ के नक्सलियों पर लक्ष्य आधारित कार्रवाई की जाएगी। कांकेर के मुठभेड़ में भी बैठक का असर सीधे तौर पर दिख रहा है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, मैं सभी जवानों और सुरक्षा अधिकारियों को बधाई देता हूं। नक्सल मामलों के इतिहास की यह सबसे बड़ी सफलता है। नक्सलियों से यह कहना चाहते हैं कि वे हिंसा का रास्ता छोड़ें। विकास की मुख्यधारा में शामिल हों।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा, गृह मंत्री के दिशा निर्देश के बाद प्रदेश सरकार आपरेशन मोड में है। लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए किसी भी स्तर पर ढील नहीं दी जा सकती। नक्सलियों को जवाबी कार्रवाई का कोई मौका नहीं देंगे।
शाह ने दी बधाई संकल्प भी दोहराया
उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा, जवानों के साहस के जज्बे को सलाम है। कांकेर के दक्षिण में और नारायणपुर के उत्तर में माड़ के एक क्षेत्र में यह आपरेशन हुआ। इसमें बड़ी संख्या में नक्सली मारे गए। मैं सुरक्षा बलों के जवानों को श्रेय देना चाहता हूं। सीआरपीएफ, डीआरजी, सीएफ के जवानों के ताकत के बूते यह हो पाया है। इसके लिए मैं पुलिस अधिकारियों की भी प्रशंसा करता हूं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में हम काम कर रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बड़ा मार्गदर्शन इसके पीछे हैं। बस्तर को अमन चाहिए हम नक्सलियों से संवाद को तैयार हैं।