पाटन – पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान विधायक भूपेश बघेल के विधायिकी छेत्र पाटन के ” कार्यालय नगर पंचायत ” का नाम अंधेरा होते हि बदल जाता है , आश्चर्य का मामला यह है की छत्तीसगढ़ की पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा पाटन के नगर पंचायत कार्यालय के नए भवन के लिए स्वीकृति प्रदान की गयी थी जो की भ्रस्टाचार और लापरवाहि के भेट चढ़ गया है। 63 लाख 80 हजार रुपये की लागत से बने इस नवनिर्मित भवन के बाहर ” कार्यालय नगर पंचायत पाटन ” के नाम से लगे पट्टीका के लाइट मे ” नगर पंचायत ” की रौशनी करीब 1-2 महीने से बंद हो चुकी है , अंधेरा होते हि ” कार्यालय नगर पंचायत पाटन का नाम “बदलकर ” कार्यालय पाटन ” मे परिवर्तित हो जाता है और फिर सुबह होते हि ” कार्यालय नगर पंचायत पाटन ” मे पुनः परिवर्तित हो जाता है । कार्यालय का लोकार्पण 4 फ़रवरी 2023 को पूर्व मुख्यमंत्री के हाथों हुआ था , जिसकी साल भरने होने से पहले हि दुर्दशा हो रही है । नगर पंचायत के किसी भी कर्मचारी की नजर इस पर नही पड़ती , चुकी अब सोचने की बात यह बनती है की पाटन अब मुख्यमंत्री का छेत्र नही रहा तो इसकी जांच परख करने वाला कोई नही ।