रायपुर। बोर्ड परीक्षा के सुझाव: सभी विषयों में गणित एक ऐसा विषय है, जिसमें शत-प्रतिशत अंक प्राप्त करने की संभावना अधिक होती है। बशर्ते विषय को बोझ समझकर नहीं, बल्कि रुचि दिखाते हुए समझा और अभ्यास किया जाए। गणित एक स्कोरिंग सब्जेक्ट है। किसी विषय में कम अंक आ रहे हैं तो गणित से उसकी भरपाई की जा सकती है। गणित पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए सूत्रों की जानकारी अच्छी होनी चाहिए। यह कहना है कि प्रोफेसर जेएन पांडेय स्कूल के प्राचार्य और गणित विशेषज्ञ एमआर सावंत का।
उन्होंने कहा कि अंकगणित और उसके वर्गमूल, घनमूल भी याद होने चाहिए। गणित के सभी सूत्रों को याद करना चाहिए। सूत्र याद करने के लिए बार-बार लिखकर अभ्यास करें। सूत्रों की सूची बनाकर एक कमरे में चस्पा कर दें और उसका समय-समय पर अवलोकन करते रहें।
उन्होंने आगे कहा कि कक्षा 12वीं के भौतिक विषय की तैयारी के लिए थ्योरी और प्रैक्टिकल से कनेक्ट प्रश्नों को तैयार कर लें। उदाहरण के लिए प्रयोगशाला में आंतरिक प्रतिरोध ज्ञात करने की विधि का, क्योंकि सिद्धांत अवलोकन सारिणी विद्युत परिपथ सावधानियां आदि प्रैक्टिकल में भी पढ़ी होंगी और यह प्रश्न थ्योरी में भी आता है। समान आंकिक प्रश्नों के भी तैयारी कर लें।
ब्लूप्रिंट के अकार्डिंग से प्रश्नों का हल करें
प्राचार्य एमआर सावंत ने कहा कि 12वीं की गणित के सभी इकाइयों की तैयारी कर लें और बोर्ड द्वारा निर्धारित ब्लूप्रिंट के अकार्डिंग छोटे-बड़े प्रश्नों को हल करने की कोशिश करें। ब्लूप्रिंट में कुछ इकाइयों में छोटे प्रश्न और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न पूछे जाएंगे। कुछ इकाइयों में केवल छोटे प्रश्न पूछे जाएंगे, उसमें दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों की तैयारी करना फिजूल होगा।
इसी तरह कक्षा 10वीं के गणित के प्रश्न पत्र बोर्ड ने ब्लूप्रिंट प्रकाशित किया है। वह गोपनीय नहीं है। इसका अध्ययन ठीक से करें और ब्लूप्रिंट के अकार्डिंग में अपना अध्ययन अध्य लिखकर करें। जैसे सांख्यिकी में माध्यिका बहुलक समांतर मध्य के छोटे-बड़े प्रश्नों को अवश्य हल कर लेवें। इसमें डाटा चेंज होगा और इस सूत्र पर आधारित प्रश्न परीक्षा में आएंगे।
परीक्षा में सफल होने का मूलमंत्र
प्राचार्य सावंत ने कहा कि 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को परीक्षा में सफल होने के सबसे महत्वपूर्ण मूलमंत्र ‘आत्मविश्वास’ का होना जरूरी है। पालक भी इस बात का ध्यान रखें कि अपने पुत्र, पुत्री पर दबाव न डालें। उन्हें हमेशा प्रयास करने की ओर प्रेरित करते रहे। सफलता अपने आप उनके पास दौड़कर आएगी।
उन्होंने कहा कि कई मेधावी छात्र प्रश्न पत्र को 100 प्रतिशत हल करने के लिए दबाव में रहते हैं और थोड़ी-बहुत गलती हो जाने पर परेशान रहते हैं। इस कारण कान्फिडेंट में रहिए, अधिक नंबर पाने के दबाव में न रहें, बल्कि किसी भी प्रश्न का सटीक उत्तर देने की प्रैक्टिस घर पर पहले पांच सालों के प्रश्न पत्रों को हल करें।
प्रश्न के उत्तर में सजावट जरूरी
प्राचार्य सावंत ने कहा कि किसी भी प्रश्न के उत्तर में सजावट जरूरी है। मूल्यांकनकर्ता पर किस प्रकार अपने सटीक उत्तर से प्रभाव डाला जा सके इसका प्रयास करना चाहिए। उदाहरण एक प्रश्न दो अंक का है तो दो अंक अर्जित करने के लिए ज्यादा नहीं लिखना चाहिए। बच्चे ध्यान रखें शब्द अनमोल है, शब्द मोती है, कम शब्दों में सटीक बात कहना ही हमारा टैलेंट है। इसके लिए उन छात्रों से चर्चा करना चाहिए, जिन्होंने विभिन्न विषय जैसे गणित, भौतिक, रसायन, इतिहास, वाणिज्य, बायोलाजी या अन्य विषय में शत प्रतिशत अंक अर्जित करने के लिए क्या-क्या किया है।
ग्रुप डिस्कशन जरूरी
छात्रों को किसी टापिक पर किसी भी विषय पर ग्रुप डिस्कशन करें। चर्चा करने से उसमें सुधार और सोच बढ़ती है। किसी भी ज्ञान को छुपाना नुकसानदायक हो सकता है। ज्ञान ऐसी चीज है, जो बांटने से बढ़ती है। कई बच्चे ऐसे सोचते हैं कि दोस्त को किसी टापिक के बारे में समझता हूं तो वह मुझसे आगे बढ़ जाएगा। प्रतियोगिता के जमाने में पीछे रह जाऊंगा यह सोच गलत है। चर्चा करने से आपकी गलती पकड़ में आ सकती है और दूसरों को समझाया गया ज्ञान हमेशा के लिए आपका हो जाएगा।