CGSUPERFAST NEWS की विशेष संस्करण में अध्याय – 1: “रिश्वतखोरी, कमीशनखोरी, भ्रष्टाचार में लिप्त छत्तीसगढ़!” कटाक्ष शामिल है।

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छत्तीसगढ़ में हो रहे अपराधों की प्रमुख वजह कमीशनखोरी, रिश्वतबाज़ी, भ्रष्टाचार है। इन सब को माना जाए तो यह कहना गलत नहीं होगा कि सिस्टम नोट के नीचे दब गया है। आज हर तरफ भ्रष्टाचार ने अपने पैर जमा लिए है, पटवारी से लेकर मंत्रालय के कार्यों को करवाने के लिए आपको पहुंच पकड़ से लेकर नोट की गड्डियों को सामने रखनी पड़ती है। आज भारत के संविधान की रचना करने वाले डॉ. भीमराव आंबेडकर जी के जन्मदिवस पर ऐसा कटाक्ष प्रदर्शित करता है कि डॉ. आंबेडकर ने जिस खुशहाल भारत की परिकल्पना करते हुए संविधान का निर्माण किया था, आज राज्य की स्थिति देखकर यह बिल्कुल भी प्रतीत नहीं होता है कि उनके नियमों का, उनके संविधान का सुचारू रूप से क्रियान्वयन किया जा रहा है। आज छत्तीसगढ़ में चारों तरफ भ्रष्टाचार ने कब्जा कर लिया है।

शुरुआत करते हुए कमीशनखोरी से, जब सरकारी कार्य करने वाले ठेकेदारों से बात की जाती है तो पता चलता है कि बिना कमीशन के एक भी टेंडर नहीं मिलता और टेंडर मिलने के बाद कार्य सही तरीके से नहीं हो पाता। सरकारी अधिकारियों से लेकर नेताओं तक, सभी कमीशन से लिप्त दिखाई देते हैं। यहाँ से भ्रष्टाचार की शुरुआत होती है, ठेकेदारों को कमीशनखोरी के चलते अपनी कंपनी के फायदे के लिए निर्माण कार्यों में घपला करते हैं, चाहे वह घपला निर्माण कार्यों में लगने वाले सामानों की क्वालिटी में हो या बजट में। हर जगह भ्रष्टाचार दिखाई दे रहा है। इसके बावजूद, शासन के हाथ इन घपलों तक नहीं पहुंच पाता है या सीधे शब्दों में कहें तो नोट ने शासन और प्रशासन के हाथ बाँध दिए हैं। जब इन भ्रष्टाचारियों के ऊपर गाज गिरती है तब रिश्वत नाम का कैंसर सामने आता है। आज भी छत्तीसगढ़ के बड़े से बड़े मामले सिर्फ और सिर्फ रिश्वत के चलते

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