Gandhi Jayanti 2023: रायपुर के जैतूसाव मठ आए थे गांधीजी, उनकी याद में लगी प्रतिमा, बना है गांधी हाल…|

 रायपुर ।Gandhi Jayanti 2023:वर्ष 2023 में गांधी जयंती के मौके पर रायपुर शहर में एक खास महत्वपूर्ण घटना हुई। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 1920 में 103 साल पहले पहली बार रायपुर आकर यहाँ पहुंचे थे। उसके बाद, 1933 में, 90 साल पहले, वह फिर से रायपुर आए। इस दौरान, उन्होंने छत्तीसगढ़ के कई जिलों, जैसे कि दुर्ग, धमतरी, और बिलासपुर, का दौरा किया और लोगों में देशभक्ति की भावना को जगाया।

गांधीजी की यादों को सजीव रखने के उद्देश्य से, राजधानी के जैतूसाव मठ में गांधीजी की प्रतिमा और गांधी हाल का निर्माण किया गया है। इसके अतिरिक्त, उस आनंद वाचनालय के मैदान में जहाँ गांधीजी ने अपना भाषण दिया था, उस वाचनालय में भी गांधीजी की यादें जुड़ी हुई हैं।

कंडेल नहर सत्याग्रह में आए

इतिहासकार डॉ. रमेंद्रनाथ मिश्र बताते हैं कि लिखित दस्तावेजों के अनुसार, दिसंबर 1920 में धमतरी-कुरुद के समीप कंडेल नहर जल सत्याग्रह के दौरान गांधीजी ने प्रदेशभर में देशभक्ति की अलख जगाई थी। कंडेल गांव में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी छोटेलाल श्रीवास्तव के नेतृत्व में किसानों ने आंदोलन किया था। अंग्रेजों ने किसानों पर नहर से पानी चुराने का आरोप लगाकर सिंचाई कर (टैक्स) वसूलने का अत्याचार किया था।

वास्तव में, खेतों में पानी संचारित था। किसानों ने पूछा, “हमें कर (टैक्स) क्यों देना पड़ेगा?” इसके बाद, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. सुंदरलाल शर्मा ने महात्मा गांधी को संदेश भेटने के लिए कोलकाता से रवाना हुए और 20 दिसंबर को रायपुर पहुंचे।

जैतूसाव मठ के कुएं से हरिजन बालिका के हाथों पिया पानी

इसके अलावा, पुरानी बस्ती के प्रसिद्ध जैतूसाव मठ में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पं. रविशंकर शुक्ल, सुंदरलाल शर्मा जैसी प्रमुख हस्तियों के साथ गांधीजी ने एक बैठक की और आजादी के लिए शांति प्रिय आंदोलन को आगे बढ़ाया। उस समय, छुआछूत की भावना को समाप्त करने के लिए एक हरिजन बालिका ने करीबी कुएं से जल निकालकर स्वयं पीना शुरू किया और फिर दूसरों को भी पिलाया।

साथ ही, इस कुएं के माध्यम से उन्च-नीच, जाति-पाति के भेद को समाप्त करने का संदेश भी दिया गया था। वर्तमान में भी यह कुएं अब भी मौजूद है और गांधीजी की यादों को जिंदा रखने के लिए चरखा चलाते हुए गांधीजी की कांस्य प्रतिमा दो साल पहले स्थापित की गई थी। इस स्थान पर एक सभा भवन भी निर्मित किया गया है, जिसे गांधी सभा भवन कहा जाता है।

आनंद समाज बाल वाचनालय

डॉ. मिश्र बताते हैं कि महात्मा गांधी ने कंकाली मंदिर के सामने स्थित आनंद वाचनालय के छोटे से मैदान में जनसभा आयोजित की थी। वर्तमान में इस वाचनालय को पूरी तरह से नवीनीकृत किया गया है। यहाँ गांधीजी के जीवन से संबंधित साहित्य पढ़ा जा सकता है। इसके अतिरिक्त, राजकुमार कॉलेज और वर्तमान में सप्रे स्कूल, जिसे पहले लारी स्कूल के नाम से जाना जाता था, वहां भी गांधीजी ने सभा आयोजित की थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page