अंबिकापुर। बलरामपुर जिले के डवरा पुलिस चौकी अंतर्गत ग्राम कोटसरी के झाड़ियों में एक नवजात बच्चा मिला है। रोने की आवाज सुनकर लोगों की नजर उस पर पड़ी। नवजात को जन्म के कुछ घंटे बाद ही झाड़ियों में फेंक दिए जाने की संभावना है। चाइल्ड लाइन और पुलिस की मदद से नवजात को जिला अस्पताल बलरामपुर के नवजात गहन चिकित्सा इकाई में रखा गया है।
शुक्रवार की सुबह, कोटसरी गांव के कुछ लोग जंगल जा रहे थे। जंगल जाने वाले रास्ते के किनारे झाड़ियों में उन्हें एक नवजात बच्ची की रोने की आवाज सुनाई दी। जब लोग वहां पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि एक कपड़े में लिपटी नवजात बच्ची थी। उसको देखकर लग रहा था कि शायद उसको जन्म के समय ही झाड़ियों में छोड़ दिया गया था।
उसके शरीर में घास फंसी हुई थी और पेड़ों की पत्तियाँ गिरी हुई थीं। नवजात बच्ची लगातार रो रही थी। जानकारी देने के बाद, बीएमओ बलरामपुर को चाइल्ड लाइन और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची। नवजात को तत्काल जिला चिकित्सालय बलरामपुर में ले जाया गया। यहाँ सफाई के बाद, उसका उपचार किया जा रहा है।
जिला चिकित्सालय के एसएनसीयू में उसे भर्ती किया गया है। चिकित्सकों ने बताया कि जब नवजात को यहां लाया गया था, तो उसके शरीर में कहीं-कहीं पत्ते लगे हुए थे, लेकिन कोई चोट नहीं थी। जो तत्काल साफ किए गए। उसका इलाज शुरू किया गया है। अब नवजात खतरे से बाहर हैं। डॉक्टर ने कहा कि नवजात को सही समय पर अस्पताल लाने से उपचार शुरू हो सका।
अब तक यह नहीं स्पष्ट हुआ है कि नवजात को झाड़ियों में फेंकने वाले वही गांव के लोग हैं या किसी अन्य गांव के। मामले में डवरा पुलिस ने जांच की शुरुआत कर दी है। नवजात को जन्म देने वाली महिला और उसे झाड़ियों में फेंकने वालों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए गांव वालों से मदद ली जा रही है।