Chhindgarh ka vikas: ‘जिले का ऐसा कोई गांव नहीं, जो पक्की सड़क से ना जुड़ा हो’, सीएम भूपेश ने बदली सुकमा की तस्वीर…

पैडी खरीद की घोषणा: रायपुर। छत्तीसगढ़ में पैडी खरीद की घोषणा: रायपुर। छत्तीसगढ़ के वन और आदिवासी, सदियों से इसकी पहचान रहे हैं। राज्य के लगभग आधे हिस्से पर जंगल हैं, जहां छत्तीसगढ़ की गौरवशाली आदिम संस्कृति फूलती-फलती है। बीते कुछ वर्षों के दौरान छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के समग्र विकास और उत्थान पर विशेष ध्यान दिया गया है। इससे राज्य के आदिवासी बहुल इलाकों में विकास की नई लहर पैदा हुई है। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में नक्सली घटनाओं के कारण पिछले लगभग 25 वर्षों से अंधेरे में डूबे सात गांवों को पावर ग्रिड से बिजली मिली, जिसके बाद इन गांवों के 342 परिवारों ने जमकर खुशियां मनाईं। जहां बिजली नहीं पहुंच पा रही है। वहां सोलर लाइट पहुंचाई गई है।

सीएम बघेल की पहल से घर-घर पहुंची बिजली

सीएम बघेल ने कहा कि आज मुझे इस बारे में भी खुशी है। एल्मागुड़ा में 15 अगस्त को पूरा गांव बिजली से जगमगा उठा। उन लोगों के पास जिनके पास पहले राशन कार्ड नहीं थे, आज उन्हें राशन मिल रहा है, उनका राशनकार्ड और मजदूर कार्ड बन गया है। इस दूरदराज क्षेत्र में आंगनबाड़ी केंद्र और स्कूल खुल रहे हैं। अमृत मिशन योजना के तहत घर-घर पानी पहुंच रहा है। आज सुकमा जिले के छिंदगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में 273 करोड़ रुपए की लागत वाले 137 विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया, जिससे सुकमा वासियों को बड़ी सौगात मिली। मुख्यमंत्री ने आमसभा में छिंदगढ़ में रेस्ट हाउस और तालनार में 30 बिस्तर वाले अस्पताल की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने आम लोगों की सुविधाओं को बढ़ाते हुए पोरदेम मार्ग पर पुलिया निर्माण, मनकापाल से पुसेर मार्ग पर मलगेर नदी में पुलिया निर्माण, हम्मीरगढ़ से लिटीरास के बीच बारू नदी पर पुलिया निर्माण, सुकमा जिले के मनकापाल, किस्टाराम, जगरगुंडा, बस्तर जिले के पोटानार, धुरागांव और गूमड़पाल में धान खरीदी केंद्र की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने रोकेल से पेदारास के बीच बारू नदी पर पुलिया निर्माण और केरलापाल से पोंगा भेज्जी मार्ग पर रेवड़ी नाला में पुलिया निर्माण की भी घोषणा की।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आम सभा को संबोधित करते समय उन्होंने बताया कि पहले सुकमा और छिंदगढ़ की स्थिति क्या थी और इन पांच सालों में क्या परिवर्तन आया, इसे आप से ज्यादा कोई नहीं जान सकता। पिछली बार मैं भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आया था उस दौरान आपने निर्माण कार्य, आजीविका से जुड़े अधोसंरचना और स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यमिक विद्यालय की मांग की थी। सुकमा वो जगह थी जहां लोग दिन में भी दरभागाटी पार कर आने से डरते थे और आज रात को भी मोटरसाइकिल से आते-जाते हैं। यह क्षेत्र अब आवागमन की सुरक्षा की दृष्टि से भी सुगम हुआ है। छिंदगढ़ का आज ऐसा कोई गांव नहीं है जो पक्की सड़क से ना जुड़ा हो। सुकमा ब्लॉक के अधिकांश गांव पक्की सड़क से जुड़ चुके हैं।

गांव-गांव तक पहुंची सीएम बघेल की ये योजना

कोंटा में भी अब पहुंच मार्ग और पक्की सड़कों का निर्माण तेजी से हो रहा है। पुल-पुलिया का निर्माण लगातार जारी है। जो स्कूल बंद थे, हमने उन्हें फिर से शुरू करवा दिया है। पहले यहां पंचायत के चुनाव नहीं होते थे, पहली बार है कि सुकमा जिले के हर पंचायत में चुनाव हुए हैं। सीएम बघेल ने कहा कि आज मुझे इस बात की भी खुशी है कि एल्मागुड़ा में 15 अगस्त को पूरा गांव बिजली से जगमगा उठा। जहां बिजली नहीं पहुंच पा रही है, वहां सोलर लाइट पहुंचाई गई है। मैं आप सभी को बताना चाहता हूं कि जिन लोगों के पास पहले राशन कार्ड नहीं थे, आज उन्हें राशन मिल रहा है, उनका राशनकार्ड, और मजदूर कार्ड बन गया है। इसके परिणामस्वरूप, वे योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं।

पैडी खरीद की घोषणा: इस सबका संज्ञान आपके संवाददाता के प्रति इच्छाशक्ति और शासन-प्रशासन की प्रतिबद्धता से संभव हुआ है। इस दूरदराज क्षेत्र में आज आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल खुल रहे हैं। अमृत मिशन योजना के अंतर्गत घर-घर पानी पहुंच रहा है। विकास के कार्य लगातार हो रहे हैं। मैं आप सभी को बधाई देता हूं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि हम त्योहार मनाने के लिए आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 10-10 हजार रुपए दे रहे हैं। हमाने हमारी भाषा, संस्कृति, परंपरा और भोले को सहेजने का काम किया है। सुकमा जिला हमारे दक्षिण छत्तीसगढ़ का प्रवेश द्वार है। ये पीछे नहीं जाना चाहिए। हम लगातार आपके हित में काम कर रहे हैं। विकास के काम हो रहे हैं। जिस प्रकार से सुकमा विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है, इस गति को रुकने नहीं देना है। आने वाले समय में भी विकास होता रहेगा।

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