रायपुर (राज्य ब्यूरो): शिक्षा विभाग ने शिक्षक भर्ती में आरक्षण के संबंध में इंटरनेट मीडिया पर फैली जा रही गलत जानकारियों के बारे में स्पष्टीकरण जारी किया है। विभाग ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है, और इस समय इंटरनेट मीडिया पर शिक्षक भर्ती के संबंध में झूठी अफवाहें फैलाई जा रही हैं, खासकर अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को आरक्षण के पूरे लाभ का पालन नहीं किया जा रहा है।
इस संदर्भ में, लोक शिक्षा संचालनालय ने यह स्पष्ट किया है कि वर्तमान में शिक्षक संवर्ग के कुल 5,090 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। इनमें से 905 पद अनारक्षित वर्ग के हैं। महत्वपूर्ण बात है कि नियमों के अनुसार, मेरिट के ऊपर जाने पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, और अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को भी अनारक्षित श्रेणी में नौकरी मिलने का हक होता है।
इस नियम का पालन करते हुए, जिन 895 अभ्यर्थियों को अनारक्षित श्रेणी में नियुक्ति पत्र जारी किया गया है या किया जा रहा है, उनमें से 48 अनुसूचित जाति, 04 अनुसूचित जनजाति, 623 अन्य पिछड़ा वर्ग, और 220 अभ्यर्थी सामान्य श्रेणी के हैं। उपर्युक्त से स्पष्ट होता है कि शिक्षक भर्ती में आरक्षण नियमों का पूरी तरह से पालन किया गया है और किसी भी वर्ग के व्यक्ति के साथ अन्याय नहीं किया गया है।
इसके पश्चात् भी, यदि किसी उम्मीदवार का दावा हो कि उसके मेरिट में नीचे के किसी व्यक्ति को अनारक्षित श्रेणी में नौकरी मिली है, तो वह तुरंत संचालक लोक शिक्षण को आवेदन कर सकता है। संचालक द्वारा इस प्रकार के आवेदनों को समय सीमा के अंदर निरस्त किया जायेगा।
इसके अलावा, यह भी महत्वपूर्ण है कि शिक्षक भर्ती की काउंसिलिंग और दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया अब भी जारी है और अनुसूचित वर्ग के कई उम्मीदवारों को तीसरे चरण के दस्तावेज सत्यापन के लिए 29 और 30 सितंबर 2023 को बुलाया गया है।