अंबिकापुर। धान की फसल पूरी तैयारी के साथ, वन्य हाथियों का समूह अब निकटस्थ क्षेत्रों में पहुँच गया है। धान की बालियों के खाने के लिए हाथियों ने पहले ही जंगलों से बाहर आना शुरू कर दिया है। गुरुवार की शाम को, प्रतापपुर क्षेत्र में चार हाथियाँ अंबिकापुर-कल्याणपुर-प्रतापपुर मुख्य मार्ग पर पहुँच गईं।
अचानक, सड़क के किनारे आने से वन्य हाथियों का आगमन रुकना पड़ा। कुछ समय तक सड़क के पास घूमने के बाद, जंगली हाथियों ने एक-एक करके सड़क को पार करके दूसरी ओर जाने लगे। प्रतापपुर के गणेशपुर क्षेत्र में मुख्य मार्ग को पार करते समय हुई जंगली हाथियों की वीडियो इंटरनेट मीडिया पर व्यापकतरूप से साझा की जा रही है। स्कूल की छुट्टी के बाद अपने घर लौट रहे शिक्षकों ने इस वीडियो को बनाया है।
प्रारंभ में, दो जंगली हाथियों को बड़ी सहजता से सड़क पार करते हुए दिखाई दिया। शेष दो वन्य हाथियाँ तेजी से दौड़कर सड़क की दूसरी ओर चली गईं। इन दिनों, यह हाथियों का समूह प्रतापपुर क्षेत्र में ही घूम रहा है। सरगुजांचल में जंगली हाथियों के व्यवहार के बारे में किए गए अध्ययन से पता चलता है कि जैसे लोगों को स्वादिष्ट भोजन पसंद होता है, वैसा ही स्वभाव जंगली हाथियों का भी होता है।\
विशेषकर, हाथियों को धान और गन्ने की फसलें ज्यादा प्रिय होती हैं। जंगली हाथियों के लिए धान की नरम बालियां अत्यंत आकर्षक होती हैं। इसी कारण हाथियाँ शाम के आसपास के धान के खेतों में जाकर खाने के लिए पहले ही जंगल से बाहर आ जाती हैं। सुगंधित धान के खेतों को हाथियों के लिए और भी आकर्षक बनाता है। पूरी रात धान की फसल को खाने और चलने के कारण फसलों को नुकसान भी हो रहा है।
इस सीजन में, पिछले कुछ वर्षों की तुलना में, आबादी क्षेत्र में विचरण करने वाले जंगली हाथियों की संख्या कम हो गई है। ज्यादातर हाथियाँ अब तमोर पिंगला अभयारण्य क्षेत्र में घूम रही हैं। अभयारण्य क्षेत्र में जंगली हाथियों के लिए चारा और पानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाती है। यहाँ पर बांस के जंगल विकसित किए गए हैं, जो हाथियों के पसंदीदा आहार के साथ ही उनके रुकने के लिए भी एक सुन्दर स्थल है।