रायपुर: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग, जिसे CGPSC के रूप में जाना जाता है, इन दिनों कई विवादों में फंसा हुआ है। CGPSC के परिणाम में अयोग्य उम्मीदवारों को पास करने के बाद, अब एक और बड़ी समस्या सामने आ रही है, जिससे एक बार फिर विवाद उत्पन्न हो सकता है। रायपुर के पूर्व कलेक्टर और भाजपा नेता ओपी चौधरी ने इस विवाद को उजागर करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से इसकी CBI जांच की मांग की है।
सूचना के अनुसार, CGPSC ने इंटरव्यू के लिए 710 से 715 नंबर प्राप्त करने वाले OBC उम्मीदवारों को बुलाया है, जबकि 770 से अधिक नंबर प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को अब तक कॉल नहीं किया गया है। आयोग द्वारा जारी चयन सूची और उत्तरपुस्तिका से पता चला कि कम नंबर वाले उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जा रहा है। इससे CGPSC 2022 के परिणामों के साथ ही एक और विवाद आयोग के पास आ गया है।
इससे पहले, मंगलवार को पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी ने मीडिया के सामने खुलासा किया कि इस बार की पीएससी की मुख्य परीक्षा में शहीद हनुमान सिंह के बारे में पूछा गया था, लेकिन एक छात्र ने शहीद वीर नारायण सिंह के बारे में उत्तर देने के बावजूद भी उसे नंबर दिया गया। उन्होंने बताया कि इसी तरह कई अन्य प्रश्नों में गलत उत्तर देने वालों को भी नंबर दिया गया है। गणित के एक सवाल में गलत उत्तर देने वाले को 4 में से 4 नंबर दिया गया है, जबकि सही उत्तर देने वाले को 4 में से 3 अंक मिले। उन्होंने इसमें सरकार के पक्षधरों को प्राथमिकता देने की आशंका जताई और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से इस पूरी घटना की CBI जाँच करने की मांग की है।
यह दर्ज कराया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में पीएससी के परिणाम पर बीजेपी ने लगातार सवाल उठाए हैं, और इससे पहले भी बीजेपी ने पीएससी की सीट पर चुनावी अपराध के आरोप लगाए थे। इसके बाद, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि यदि चयनित उम्मीदवार राजनीतिक परिवारों या ब्यूरोक्रेट के परिवारों से संबंधित हैं, तो उनका चयन कोई अपराध नहीं है, और बीजेपी के पास कोई सबूत होते हैं तो वे जाँच करवा सकते हैं। सीएम ने यह भी कहा कि बेहद दुर्भाग्यजनक होता है कि चयनित उम्मीदवारों का परिवार राजनीतिक परिवारों या ब्यूरोक्रेट के परिवारों से संबंधित है, और यह तय करना अयोग्यता की पहचान नहीं होनी चाहिए। यदि बीजेपी के पास कोई सबूत है, तो वह उन्हें साझा करें, हम जाँच कराएंगे, और अगर चयन में कोई गड़बड़ी होती है, तो उसकी जाँच की जाएगी, लेकिन इसके बदले प्रदेश के माहौल को किसी भी तरह से बिगाड़ने का प्रयास नहीं करना चाहिए।