रायपुर: डेंगू रोगियों के इलाज में लापरवाही करने वाले निजी अस्पताल संचालकों पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) द्वारा जारी नोटिस भी बेअसर साबित हो गया है। इसके बावजूद, नोटिस के समय सीमा बीत जाने के बावजूद, किसी ने भी जवाब नहीं दिया है।
वास्तविकता में, मामला ऐसा है कि सरकारी और निजी स्वास्थ्य संस्थानों ने आयुष्मान और डा. खूबचंद बघेल योजना के अंतर्गत डेंगू से पीड़ित 327 मरीजों के इलाज का दावा किया था, जबकि रायपुर जिले से स्वास्थ्य विभाग को केवल आठ मरीज ही रिपोर्ट हुए थे।
योजना में भ्रष्टाचार की शिकायत पर सीएमएचओ ने पांच टीमों का गठन किया, प्रत्येक टीम में तीन सदस्य थे, जो जांच के निर्देश दिए थे। इन टीमों ने 25 अस्पतालों का निरीक्षण किया और जांच रिपोर्ट तैयार की। इस रिपोर्ट के अनुसार, निजी अस्पतालों में भर्ती डेंगू के मरीजों के लिए न तो सीरम भेजा गया था और न ही मच्छरदानी का उपयोग हुआ था।
सीएमएचओ ने मच्छरदानी का उपयोग न करने वाले अस्पतालों पर नोटिस जारी किया था, जिनमें हास्पिटल, स्वास्थम हास्पिटल, श्री लक्ष्मी नारायण हास्पिटल, आरोग्य हास्पिटल, श्रीयांश मल्टी सुपरस्पेशलिटी हास्पिटल, विहान हास्पिटल, नवकार हास्पिटल, और विद्या हास्पिटल शामिल हैं। उन्होंने इन सभी अस्पतालों से तीन दिनों के भीतर उत्तर मांगा था, लेकिन पांच दिनों बाद भी किसी से कोई जवाब नहीं मिला है।
रायपुर के सीएमएचओ, डॉ. मिथलेश चौधरी ने आलेखित कि डेंगू के मरीजों के इलाज में लापरवाही हुई है। संबंधित अधिकारियों के खिलाफ नोटिस जारी किया गया है और उनसे जवाब की मांग की गई है। चार दिन की अवकाश के कारण, उत्तर प्राप्त नहीं हो सका है। संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर, नर्सिंग होम एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।