रायपुर, छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023: कांग्रेस और भाजपा की टिकट देने की आलोचना हो रही है। दोनों पार्टियों के नेताओं ने दावा किया कि सितंबर के पहले सप्ताह तक कांग्रेस की पहली सूची और भाजपा की दूसरी सूची जारी होगी। लेकिन कांग्रेस में अब तक मंथन जारी है। हर संभाग की सीट के लिए चुनाव समिति में चर्चा आरंभ होने वाली है। वहीं, भाजपा की सूची में केंद्रीय संगठन के मुद्दे के चलते संघर्ष जारी है। प्रदेश संगठन द्वारा भेजी गई सूची के संदर्भ में केंद्रीय संगठन ने एक बार फिर खोजबीन आरंभ की है। जी-20, संसद सत्र, और अन्य राजनीतिक गतिविधियों के कारण टिकट की घोषणा में देरी हो रही है।
उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची के संदर्भ में कहा कि टिकट घोषणा में जल्दबाजी नहीं की जा रही है, वे लोग जिन्होंने जल्दी सूची निकाली हैं, वे बगावत की ओर देख रहे हैं। कांग्रेस किसी प्रकार की जल्दबाजी नहीं कर रही है। अभी तक, प्रदेश चुनाव समिति के 90 विधानसभा सीटों के लिए स्पष्ट रूप से राय नहीं जारी हुई है, जब स्क्रीनिंग कमेटी के सामने आएगी, तब स्क्रीनिंग कमेटी बैठक करेगी। अभी तक, प्रदेश चुनाव समिति की बैठक चल रही है। फिर स्क्रीनिंग कमेटी के द्वारा जांच के बाद, केंद्रीय चुनाव समिति को सूची भेजेगी। इसके बाद ही केंद्रीय चुनाव समिति सूची जारी करेगी। जिन्होंने जल्दी सूची निकाली है, वे लोग बगावत की ओर इशारा कर रहे हैं। उनकी सूची भी अब तक नहीं आई है।
भाजपा की केंद्रीय टीम ले रही टोह
भाजपा ने पहली सूची में 21 प्रत्याशियों की घोषणा की है। इसके बाद की सूची को लेकर भाजपा की केंद्रीय टीम ध्यान से विचार कर रही है। पिछले सप्ताह, स्थानीय स्तर पर एक-एक सीट के लिए जांच कार्यक्रम आयोजित किया गया था। केंद्रीय टीम का प्रमुख ध्यान राजधानी सहित बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, और दुर्ग की सीट पर है। यह जानकारी मिल रही है कि बस्तर की शेष सीट की स्क्रीनिंग पूर्ण हो चुकी है और अगली सूची में बस्तर के उम्मीदवारों की घोषणा होगी।
विधायकों की टिकट कटने के बाद की परिस्थिति पर कांग्रेस की नजर
कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, कमजोर प्रदर्शन दिखाने वाले विधायकों की टिकट कटने पर सहमति प्राप्त हो गई है। प्रदेश संगठन विचार कर रहे हैं कि उन विधायकों के पाला बदलने की संभावना है, जिन्होंने कमजोर प्रदर्शन किया है। यह जानकारी मिल रही है कि कुछ कांग्रेसी विधायक टिकट कटने से डरते हैं, और वे भाजपा के केंद्रीय नेताओं के संपर्क में हैं। इस तरह के विधायक, जो पिछले चुनाव में भाजपा को हाराने में सफल रहे हैं, लेकिन उन सीटों पर लगातार जीत रहे हैं, उन्हें ध्यान में रखा जा रहा है।
राजधानी की सीट पर सबकी नजर
राजधानी की चार विधानसभा सीटों पर कांग्रेस और भाजपा की नजरें हैं। कांग्रेस के दावेदारों के बैठक में अब तक तय हो गया है कि टिकट प्राप्त करने के बाद कोई विरोध नहीं करेगा। टिकट के दावेदारों को रायपुर नगर निगम के पार्षदों को ध्यान में रखकर पार्टी द्वारा काम करने का निर्देश दिया गया है। उसके साथ ही, भाजपा भी कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा का इंतजार कर रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, यदि वर्तमान विधायकों को टिकट प्राप्त होता है, तो उनके खिलाफ भाजपा के दावेदारों का पैनल तैयार किया गया है। जबकि कांग्रेस टिकट देती है, तो उनके लिए एक नया पैनल तैयार किया जाता है। जब कांग्रेस किसी सीट पर पार्षद को मैदान में उतारती है, तो भाजपा पार्षदों की लॉटरी का इंतजार कर सकती है।