Tiger in CG: करोड़ों खर्च के बाद भी बाघों को बचाना बड़ी चुनौती, दो वर्ष में मरे दो बाघ पर खाल मिले ज्यादा…|

रायपुर। चुनावी वर्ष में छत्तीसगढ़ में बाघों के संरक्षण भी एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। प्रदेश में बाघों के परिवार को बढ़ाने के साथ ही उनके संरक्षण की बड़ी चुनौती भी है। राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में पिछले दो साल में केवल दो बाघों की मौतें हुई हैं। लेकिन 2022 में नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में इस साल पांच बाघों की मौतें हो गई हैं। बाघों की मौतें होने के साथ ही, उनके साथ हो रही शिकार की घटनाओं को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा, प्रदेश के जंगलों में बाघों के आपसी संघर्ष और अन्य वन्यजीवों के हमलों में मरने वाले बाघों की बढ़ती संख्या और कम होने वाले बाघ चुनौती प्रदान कर रहे हैं।

वन विभाग के एपीसीसीएफ वाइल्डलाइफ कौशलेंद्र कुमार का तर्क है कि बाघ की खाल मिलने से यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं होता कि वह छत्तीसगढ़ का है या किसी अन्य राज्य का। इस प्रकार, बाघों की मौत का सटीक आंकड़ा वन विभाग के पास नहीं होता।

संरक्षण के लिए इतना खर्च

2022 की रिपोर्ट के अनुसार, एनटीसीए के अनुसार, छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या 19 से 17 हो गई है। पिछले तीन वर्षों में बाघों के संरक्षण के लिए 183.77 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इसके बावजूद, पिछली भाजपा सरकार के चार वर्षों के दौरान 229 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, लेकिन बाघों की संख्या में कमी आई थी।

नहीं बढ़ पा रहा कुनबा भी

प्रदेश में बाघों के वास करने वाले जंगलों में वन विभाग का गहरा मॉनिटरिंग कर पाना मुश्किल होता है। वे स्थानों पर, जहां नक्सलवादी गतिविधियाँ होती हैं, वन विभाग अपनी उपस्थिति को प्रमाणित करने से बचता है। इसके साथ ही, बाघों के आवास के लिए जंगलों का विस्तार करने की आवश्यकता होती है।

सरकार आंकड़ों में इन बाघों की मौत

एक: सितंबर 2022 में दुर्ग के मैत्री बाग चिड़ियाघर में ‘किशन’ नाम के नौ वर्षीय नर सफेद बाघ की मौत हो गई थी।

दो: अचानकमार टाइगर रिजर्व मुंगेली में दो वर्ष पहले एक बाघ का शव जला हुआ मिला था।

देशभर में इतने बाघों की मौत

एनटीसीए ने 2012 से 2022 तक मारे गए 1105 बाघों की पोस्टमार्टम व फांरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर जांच की। इसमें 27.97 फीसदी मामले ऐसे हैं जिनमें मौत की वजह आज भी विशेषज्ञों के लिए पहेली बनी हुई है।

सर्वे रिपोर्ट वर्ष बाघ की संख्या

2006 26

2010 26

2014 46

2018 19

2022 17

(एनटीसीए की ओर से जारी पिछले वर्षों के आंकड़े)

पड़ोसी राज्यों में इतने हैं बाघ

मध्यप्रदेश 785

महाराष्ट्र 444

उत्तराखंड 560

बिहार 54

आंध्रपदेश 63

उत्तर प्रदेश 205

तेलंगाना 21

ओडिशा 20

बाघों की संख्या बढ़ाने को सरकार का प्रयास

बाघों की संख्या घटने के बाद प्रदेश के वन विभाग ने अब मिशन मोड पर काम शुरू किया है। जल्द ही मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र से बाघ लाए जाएंगे।

आंकड़े

1,35,191 वर्ग किलोमीटर छत्तीसगढ़ राज्य का भौगोलिक क्षेत्रफल

4.1 प्रतिशत देश में छत्तीसगढ़ के भौगोलिक क्षेत्रफल का प्रतिशत

59,772 वर्ग किलोमीटर राज्य का वन क्षेत्र का

44.21 प्रतिशत वन क्षेत्र कुल भौगोलिक क्षेत्र का

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