रायगढ़। जन्म का कोई निश्चित समय नहीं होता। इसका प्रत्यक्ष सबूत मुंबई हावड़ा में मिला है। यात्री अक्सर हैरान हो जाते हैं, जब उन्हें उनके गंतव्य तक पहुँचाने वाली ट्रेन में अचानक घटनाएं घटती हैं, जैसे कि यह एक घटना, जो शुक्रवार रात को हुई, जब एक महिला ने ट्रेन के अंदर ही एक शिशु को जन्म दिलाया। रायगढ़ स्टेशन पर ट्रेन का आगमन होते ही एक चिकित्सक दल ने उसके जन्म को सुरक्षित बनाया। खुशी की गूंज उठती ही, ट्रेन में सवार यात्री से लेकर रेलवे कर्मचारी भावुक हो गए।
वास्तव में, 08 सितंबर 2023 को, रायगढ़ के मुख्य स्टेशन प्रबंधक को सूचना दी गई कि ट्रेन संख्या 12809, सीएसएमटी-हावड़ा मेल, के एस-1 कोच के सीट नंबर 17 में सीएसएमटी से हावड़ा जा रही महिला यात्री हसीना खातून, जिनकी आयु 24 साल है और वे दुर्गापुर, मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल में निवास करती हैं, वह गर्भावस्था में हैं। उन्हें प्रसव की पीड़ा हो रही है और उन्हें तत्काल सहायता की आवश्यकता है।
इस सूचना प्राप्त होते ही, रायगढ़ रेलवे प्रबंधन स्थिति को तुरंत संज्ञान में लेता है। यहां, ड्यूटी पर मौजूद मुख्य स्टेशन प्रबंधक रायगढ़ को सूचना प्राप्त होते ही, उन्होंने इसकी तुरंत सूचना रेलवे हेल्थ यूनिट रायगढ़, स्वास्थ्य निरीक्षक, टिकट चेकिंग स्टाफ, और सफाई कर्मचारियों को दी। रेलवे हेल्थ यूनिट के साथ डॉक्टर पीयूष प्रियदर्शन, फार्मासिस्ट प्रीति सिंह, और अटेंडेंट उत्तम जाटव जैसे स्टाफ तुरंत स्टेशन पर पहुंचे।
रायगढ़ स्टेशन पर 22:10 बजे रात को जब गाड़ी रुकी, तो महिला यात्री को तुरंत सहायता पहुंचाने के साथ ही सफलता से उन्होंने रायगढ़ स्टेशन पर प्रसव करवाया गया। सुरक्षित और सफल प्रसव से माँ और बच्चा दोनों स्वस्थ रहे। रेलवे मेडिकल टीम द्वारा प्रारंभिक जांच के बाद, माँ और बच्चा दोनों को आसपास के रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में आगे की जांच के लिए एम्बुलेंस के साथ जीआरपी पुलिस की सहायता से भेजा गया। यात्री और रेलवे स्टाफ भी इस मौके पर भावुक हो गए।
उपरोक्त कार्य में जीआरपी के सहायक उप निरीक्षक एस. एस सिदार, महिला आरक्षक सीमा पटेल, और आरक्षक अवधेश मिश्रा लकेश्वर मिरी ने अपना योगदान दिया। इस मानवीय संवेदनशील समय पर, महिला यात्री के सहयात्री श्री एस के मीनारुल ने रेलवे प्रशासन द्वारा प्रदान की गई तुरंत सहायता का स्वागत किया। इस तत्काल सहायता के लिए रेल प्रशासन का हृदय से आभार व्यक्त किया गया।