Dengue in CG: डेंगू के इलाज के नाम पर फर्जीवाड़ा: कोंडगाांव, जीपीएम में एक भी मरीज नहीं, लेकिन क्लेम 192…|

रायपुर, छत्तीसगढ़: डेंगू समाचार – राजधानी सहित पूरे प्रदेश में कई अस्पतालों में डेंगू के इलाज के नाम पर जालसाजी शुरू हो चुकी है। स्थितियाँ ऐसी हैं कि कुछ जिलों में एक भी डेंगू मरीज प्रकट नहीं हुआ है, फिर भी आयुष्मान और डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य बीमा योजना से राशि प्राप्त करने के लिए सरकारी और निजी स्वास्थ्य संस्थानों ने सौ से अधिक क्लेम दर्ज किए हैं।

कोंडागांव और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में डेंगू के एक भी मामले की रिपोर्ट नहीं हुई है, लेकिन यहां से 167 और 25 मरीजों के इलाज का दावा किया गया है। सूरजपुर, राजनांदगांव, सुकमा में एक-एक मामले रिपोर्ट हुई है, लेकिन इन जिलों में क्रमश: 121, 36 और 33 क्लेम दर्ज किए गए हैं। कांकेर और सरगुजा से भी दो-दो मामले सामने आए हैं, जबकि 25-25 क्लेम दर्ज किए गए हैं। बीजापुर में 10 और बस्तर में 19 मरीज पाए गए हैं, और यहां से 37 और 29 क्लेम दर्ज किए गए हैं।

वहीं, रायगढ़ जिले में डेंगू के अधिक मरीज मिले हैं, लेकिन क्लेम कम किया गया है। यहां 95 मामले रिपोर्ट हुए हैं, लेकिन केवल 25 क्लेम दर्ज किए गए हैं। रायपुर जिले में आठ मामले रिपोर्ट हुए हैं, जबकि 327 मरीजों के इलाज का दावा किया गया है। ये सभी क्लेम इस वर्ष के एक अप्रैल से 29 अगस्त तक के हैं। इस पर, स्वास्थ्य विभाग से इन सभी क्लेम की जाँच की रिपोर्ट मांगी जा रही है। इनको प्रस्तुत करने के बाद ही अस्पतालों को क्लेम राशि का भुगतान किया जाएगा।

मरीजों की जानकारी देने में लापरवाही

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को डेंगू के मरीजों की जानकारी प्रदान करनी चाहिए। हालांकि इसमें लापरवाही की गई है। वहीं, डेंगू की पुष्टि के लिए तीन प्रकार की जाँचें होती हैं। इनमें रैपिड टेस्ट के अलावा एंटीजन ब्लड और एलाइजा टेस्ट भी शामिल हैं, लेकिन केंद्र सरकार के मार्गदर्शन के अनुसार डेंगू की पुष्टि या नकारात्मक परिणाम केवल एलाइजा टेस्ट से ही जाना जाता है। साथ ही, क्लेम भी इसी आधार पर किया जा सकता है।

ऐसे खुला सारा मामला

रायपुर जिले में आठ मामलों के बदले सरकारी और निजी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा 327 मरीजों के इलाज का दावा किया गया है, जिसकी जांच की जा रही है। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के अन्य जिलों से डेंगू पीड़ितों की जानकारी मांगी। इसकी रिपोर्ट के आधार पर यह पूरे मामले की जांच की जा रही है, और इसका विवरण प्रकाशित किया जाएगा।

आठ दिनों का 35 हजार का पैकेज

स्वास्थ्य विभाग ने आयुष्मान और डा. खूबचंद बघेल योजना के तहत डेंगू के इलाज के लिए आठ दिनों का पैकेज तय किया है, जिसका मौजूदा मूल्य लगभग 35,000 हजार रुपये है। इसमें शामिल है कि रोगी को तीन दिनों तक आईसीयू में रखा जा सकता है। इसके लिए प्रतिदिन के लिए लगभग 8,000 रुपये का पैकेज तय किया गया है। इसके बाद, डॉक्टर मरीज की स्थिति के आधार पर पांच दिनों तक जनरल वार्ड में रख सकते हैं। इसके लिए प्रतिदिन का 2,200 रुपये का पैकेज तय किया गया है।

तीन सदस्यीय पांच टीम, जांच पांच दिन से ठप

राजधानी में आठ मामलों के बदले सरकारी और निजी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा 327 मरीजों के इलाज के दावे के बाद, सीएमएचओ की ओर से जांच के लिए तीन-तीन सदस्यीय पांच टीमें गठित की गई हैं। पिछले पांच दिनों के बावजूद भी, अस्पतालों की जांच नहीं कर पाई गई है। इसके अलावा, करीब 52 निजी अस्पतालों ने मरीजों के इलाज का दावा किया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, सभी डेंगू पॉजिटिव मरीजों को भर्ती करने की आवश्यकता नहीं होती। मरीज को प्लेटलेट्स में भारी गिरावट होने पर ही भर्ती किया जाता है।

डाक्टरों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

डेंगू के इलाज के लिए किसी विशेष दवा की नहीं होती है। इसका इलाज लक्षणों के आधार पर किया जाता है। साथ ही, निर्दिष्ट दिशा-निर्देशों के अनुसार डेंगू संक्रमण की पुष्टि करने के लिए एलाइजा टेस्ट को ही सही माना जाता है। सरकारी और निजी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को इस जानकारी को प्रदान करने के लिए शुक्रवार को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण का हिस्सा आंबेडकर अस्पताल के मेडिसिन विभाग के चिकित्सक डॉ. आरएल खरे और एम्स के डॉ. अतुल जिंदल एसओपी करेंगे।

राज्य महामारी नियंत्रक, डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि दिनांक प्रदेशभर से डेंगू मरीजों के इलाज में फर्जीवाड़े की शिकायतें मिलने के बाद, सभी सीएचएमओ को अलर्ट करके जांच के निर्देश दिए गए हैं। क्लेम करने वाले अस्पतालों से पूरी जानकारी मांगी गई है। डेंगू की पहचान के लिए एलाइजा टेस्ट आवश्यक है।

आयुष्मान और डा. खूबचंद बघेल योजना के नोडल अधिकारी, डॉ. खेमराज सोनवानी ने बताया कि पूरे प्रदेश में शासकीय और निजी स्वास्थ्य संस्थानों से डेंगू के इलाज का भुगतान के लिए क्लेम दर्ज किए गए हैं। जांच-पड़ताल के बाद ही राशि जारी की जाएगी। अस्पतालों से जानकारी जुटाई जा रही है।

प्रदेश में वर्षवार डेंगू की स्थिति

वर्ष 2018 – 2674 और 10 मौत

वर्ष 2019- 722

वर्ष 2020- 57

वर्ष 2021- 1086

वर्ष 2022- 2679 और 10 मौत

चार सितंबर 2023 – 383

इस वर्ष यहां मिले सर्वाधिक

दुर्ग- 159

रायगढ़- 137

बस्तर- 24

रायपुर- 10

1 जनवरी से 4 सितंबर तक के आंकड़ें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page