रायपुर (राज्य ब्यूरो): छत्तीसगढ़ में धान की मूल्य: छत्तीसगढ़ सरकार के प्रवक्ता और जल संसाधन मंत्री रवींद्र चौबे ने मीडिया के साथ चर्चा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में हम अगले चुनाव में पुनः सरकार बनाएंगे। हर साल एमएसपी बढ़ने के हिसाब से छत्तीसगढ़ में धान की मूल्य 3600 रुपये प्रति क्विंटल हो जाएगी, जो अगली सरकार के कार्यकाल तक रहेगी। भूपेश के नेतृत्व में किसानों को बड़ा लाभ होने का आश्वासन है। चौबे के इस बयान को सरकार का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस साल 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदने की घोषणा की है।
प्रोत्साहन राशि बढ़ाने पर ही 2800 रुपये संभव
जानकारों के अनुसार, वर्तमान में राज्य सरकार ने इस वर्ष धान के 2800 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य की घोषणा की है। इसके लिए केंद्र सरकार के एमएसपी को बढ़ाने या फिर राज्य सरकार को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की धनराशि को बढ़ाने की आवश्यकता हो सकती है। इससे पहले, राज्य सरकार धान को 2640 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीद रही थी, जिसमें 2040 रुपये का समर्थन मूल्य और 600 रुपये का प्रोत्साहन राशि शामिल था। इस वर्ष, सरकार ने प्रति एकड़ पर 20 क्विंटल धान की खरीद का निर्णय लिया है, इसके लिए सरकार को न्याय योजना की धनराशि को 9,000 से बढ़ाकर 12,340 रुपये करनी होगी।
केंद्र सरकार ने इस साल धान के एमएसपी को 143 रुपये बढ़ा दिया है, जिसके कारण सत्र 2023-24 में न्यूनतम समर्थन मूल्य 2183 रुपये हो गया है। 2800 रुपये का भुगतान करने के लिए, राज्य सरकार को प्रति क्विंटल के हिसाब से 617 रुपये की बोनस राशि देनी होगी। 2014-15 के वर्ष में, धान का एमएसपी 1360 रुपये था, और यह लगातार बढ़ रहा है। केंद्र सरकार ने सेंट्रल पूल में 86 लाख टन चावल खरीदने की सहमति दी है।
इस वर्ष 125 लाख टन धान खरीदी का लक्ष्य
इस साल, राज्य सरकार ने 125 लाख टन धान खरीदने का अनुमानित लक्ष्य तय किया है। इसके लिए मंत्री परिषद उप समिति की एक विशेष बैठक भी आयोजित की गई है। राज्य में 24.98 लाख पंजीकृत किसानों के 32.19 लाख हेक्टेयर भूमि पर बोने गए धान के अनुसार, पिछले वर्ष 110 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया था। 23 लाख 41 हजार 935 किसानों ने अपना धान 2640 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर बेचा था। 2022-23 में, 107 लाख 51 हजार 858 टन धान खरीदी गई थी, जबकि 2021-22 में 98 लाख टन धान खरीदी गई थी।
निर्णायक भूमिका में धान की कीमत
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के पूर्व, राज्य सरकार के मंत्री के इस बयान से कई महत्वपूर्ण अर्थ निकाले जा रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, धान से जुड़े मुद्दे ने प्रदेश में सरकारों के आगमन और गिरावट को दिखाया है। धान और किसान दोनों ही प्रदेश की राजनीतिक समीक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और यह सत्ता के लिए निर्णायक हैं।
2013 के चुनाव में, भाजपा ने एमएसपी के अलावा किसानों के लिए 300 रुपये के बोनस का ऐलान किया था, लेकिन जब भाजपा की सरकार बनी, तो किसानों को बोनस नहीं मिला। 2018 के चुनाव में, कांग्रेस ने 2500 रुपये प्रति क्विंटल धान कीमत का ऐलान किया था। इससे भाजपा को किसानों के आक्रोश का सामना करना पड़ा और उन्होंने 15 सीटों पर सिमट जाना। वहीं, कांग्रेस ने 68 सीटों पर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी।
धान पर भ्रम फैलाने झूठ का पुलिंदा पेश करते हैं: साव
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव ने कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के शासन के दौरान झूठ और भ्रम फैलाने का प्रयास किया जा रहा है। उनके एक मंत्री ने स्पष्ट रूप से बताया है कि किसानों को इस साल धान की मूल्य के रूप में 2183 रुपये प्रति क्विंटल केंद्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर मिलेगा।
मंत्री चौबे ने घोषित किया है कि आगामी पांच वर्षों में धान की कीमत 3600 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुँच जाएगी। उनके इस कथन का प्रमुख कारण है कि केंद्र सरकार ने मोदी सरकार द्वारा 86.5 लाख टन, अर्थात एक करोड़ 30 लाख टन धान की खरीदी का ऐलान किया है। धान के समर्थन मूल्य का वार्षिक वृद्धि के साथ विकास हो रहा है, जिससे 2018 से लेकर 2028 तक 10 वर्षों में यह दोगुना हो जाएगा।