रायपुर। भारत vs इंडिया: ‘प्रेसिडेंट आफ इंडिया’ की जगह पर ‘प्रेसिडेंट आफ भारत’ को लिखने के निमंत्रण पत्र पर देश में एक तीव्र विचार-विमर्श चल रहा है। साथ ही, भारत और इंडिया के संदर्भ में राजनीतिक गतिविधियाँ भी बढ़ गई हैं। इसी संदर्भ में, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने विचार और प्रतिक्रिया दी हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा, “हमें राष्ट्रपति से निमंत्रण पत्र मिला है और अब तक हमें ‘प्रेसिडेंट आफ इंडिया’ से निमंत्रण पत्र मिलता था, लेकिन अब ‘प्रेसिडेंट आफ भारत’ नाम से निमंत्रण पत्र आया है। ‘इन्हें इंडिया शब्द से इतनी तकलीफ है। संविधान में शुरुआत से ही इंडिया से होती है। इस देश को भारत कहा जाता है, भारतवर्ष भी कहा जाता है। पंडित जी जब पढ़ते हैं तो जम्मू द्विपे, भारत खंडे कहते हैं। इंडिया भी कहते हैं। कितने नामों से देश को जाना जाता है और अब आपको नाम से परहेज है।” उन्होंने कहा, आज इंडिया संघ का गठबंधन बना है, वो इंडिया हो गया है, तो उससे परहेज हो गया है। कल के दिन कोई संगठन बने उसका नाम भारत हो तो क्या वह भी बदलेंगे?”
‘प्रेसिडेंट आफ भारत’ पर राजनीति
जी-20 शिखर सम्मेलन के निमंत्रण पत्र पर ‘प्रेसिडेंट आफ इंडिया’ के स्थान पर ‘प्रेसिडेंट आफ भारत’ लिखे जाने पर, पहले कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज कराई और इसके बाद अन्य विपक्षी दलों ने इस पर हमला किया कि भाजपा विपक्षी गठबंधन के नाम आइएनडीआइए (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) से डर गई है। इसके अलावा, यह भी कहा गया कि सरकार देश का नाम बदलने जा रही है।
वहीं, भाजपा ने सवाल किया कि कांग्रेस को देश के सम्मान से जुड़े हर विषय पर आपत्ति क्यों है? विपक्षी दलों को भारत के संबोधन से क्यों परेशानी हो रही है? मूल नाम तो भारत ही था। नौ और 10 सितंबर को नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन में विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्ष और अन्य अतिथि आ रहे हैं। उनके लिए रात्रिभोज का निमंत्रण पत्र राष्ट्रपति भवन की ओर से भेजा गया है।