महासमुंद समाचार: डीएमके के नेता और तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को लेकर दिए गए विवादपूर्ण बयान की चर्चा छत्तीसगढ़ तक पहुंच गई है। महासमुंद में हिंदू संगठन ने मंत्री उदयनिधि के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग करते हुए कोतवाली के सामने एनएच 353 पर धरना दिया। हालांकि कोतवाली पुलिस एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर रही है। इस दौरान हिंदू संगठन के सदस्यों ने उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ प्रदर्शन किया। इसी बीच, सड़क जाम के बाद पुलिस अधिकारी वरिष्ठ अधिकारियों से इसे लेकर चर्चा कर रहे हैं।
सनातन धर्म के संदर्भ में, छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने उदयनिधि स्टालिन द्वारा किए गए बयान पर टिप्पणी की है। मीडिया के साथ चर्चा में, उन्होंने कहा कि सनातन धर्म जीवन का एक प्रमुख तरीका है और इसका पूरी तरह से सम्मान किया जाना चाहिए, और उदयनिधि स्टालिन द्वारा की गई टिप्पणी गलत है।
सिंहदेव ने मीडिया से चर्चा में बताया कि यह उनकी व्यक्तिगत राय हो सकती है। उन्होंने कहा कि दुनिया में अनेक धर्म हैं और किसी भी धर्म पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी व्यक्तिगत होती है। वे कांग्रेस की ओर से नहीं बोल रहे हैं और वे किसी प्रवक्ता की भूमिका में नहीं हैं। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से कहा कि भारत का “सनातन धर्म” बहुत पुराना है और इसे अच्छी तरह से स्थापित माना जाता है। “सनातन धर्म” की गहराई और वेदों और पुराणों की शिक्षाएं अनमोल हैं। वह गौरतलब है कि उदयनिधि स्टालिन ने शनिवार को कहा था कि सनातन धर्म का केवल विरोध नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इसे पूरी तरह से खत्म कर दिया जाना चाहिए।
कांग्रेस बताए सनातन धर्म का अपमान करने वाले गठबंधन से अलग होगी या चिपकेगी: भाजपा
छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने कांग्रेस के गठबंधन साथी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन के पुत्र उदयनिधि के विवादास्पद बयान पर टिप्पणी की है। उन्होंने कांग्रेस और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लक्ष्य बनाते हुए कहा है कि स्टालिन के पुत्र ने सनातन हिंदू धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया, और कोरोना से करते हुए सनातन धर्म का अपमान किया है। स्टालिन की पार्टी और कांग्रेस, दोनों ही घमंडिया गठबंधन के हिस्से हैं। यह निश्चित है कि स्टालिन के पुत्र का यह बयान सोनिया गांधी के संकेत पर आया है।
चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल और कांग्रेस को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या यह बयान सनातन विरोधी है या नहीं? अगर यह सनातन विरोधी है, तो क्या कांग्रेस इस घमंडिया गठबंधन से बाहर निकलने का साहस दिखाएगी या नहीं? मुख्यमंत्री बघेल को अपना स्टैंड छत्तीसगढ़ की जनता के सामने स्पष्ट करना चाहिए।