जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर के मंडी शाखा में 70 किसानों की गाढ़ी कमाई का बड़ा हिस्सा बैंक के कर्मचारियों ने हड़प लिया है। किसानों के खाते मेंे राशि जमा करने की मांग को लेकर बीते दिनों भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों ने बैंक प्रबंधन को मोहलत दी थी। तय समय सीमा में राशि जमा न करने के विरोध में गुस्र्वार को किसानों के साथ मिलकर संघ के पदाधिकारी सहकारी बैंक प्रबंधन के खिलाफ नेहस्र् चौक पर धरना देंगे।
जिला सहकारी बैंक बिलासपुर के मंडी शाखा में कुछ कर्मचारी द्वारा कूटरचना कर लगभग 70 किसानों के जमा खाते से करोड़ो रूपये का गबन कर लिया है। जिसकी जानकारी किसानों को होने पर इसकी शिकायत जिला कलेक्टर एवं बैंक प्रबंधन को दी गई थी। बीते पांच महीना बीत जाने के बाद भी आजतलक प्रभावित किसानों के बैंक खाते में राशि जमा नहीं कराई गई है। किसानों की परेशानी लगातार बढ़ती ही जा रही है। पीड़ित किसान जिला सहकारी केंद्रीय बैंक और मंडी शाखा के बीच चक्कर काट रहे हैं। किसानों की गाढ़ी कमाई को फर्जीवाड़ा कर हड़पने वाले अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी अब तक कार्रवाई नहीं की गई है। इसे लेकर पीड़ित किसानों के साथ ही भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों का गुस्सा फूटने लगा है। मालूम हो कि भारतीय किसान संघ जिला बिलासपुर ने 16 मार्च 23को जिला प्रशासन एवं बैंक प्रबंधन को चेतावनी दी थी कि 15 दिन के अंदर किसानों को उनकी जमा राशि का भुगतान नही होता तो किसान आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। जिसपर बैंक प्रबंधन द्वारा आश्वासन दिया गया था सात दिन में भुगतान प्रारंभ कर दिया जाएगा। लेकिन अभी तक किसी भी किसान को पैसा नही मिला है तय समयावधि पर भुगतान नहीं होने के कारण किसानों की परेशानी बढ़ती ही जा रही है। इसे देखते हुए संघ के पदाधिकारियों ने अब सीधी लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया है। इसी कड़ी में गुस्र्वार को नेहस्र् चौक पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का निर्णय लिया है।
किसानों के खाते से निकाल ली पूरी राशि
मंडी शाखा में किसानों के बैंक खाते से राशि निकालने में सुनियोजित तरीके से षड़यंत्र को अंजाम दिया गया है। एक-एक कर 70 किसानों के खाते से राशि का आहरण कर लिया है। जिन किसानों के खाते में सात से आठ लाख स्र्पये अब बमुश्किल एक से दो हजार स्र्पये ही शेष रह गए हैं। जब किसानों को पैसे की जस्र्रत पड़ी तब बैंक जाकर राशि निकालने फार्म भरा। फार्म भरने के बाद जब कैशियर ने बताया कि खाते में उतनी राशि तो है ही नहीं। तब किसानों के पैरों तले जमीन खिसक गई। ऐसे तकरीबन 70 किसानों के बैंक खाते से तत्कालीन कैशियर ने फर्जीवाड़ा कर राशि निकाल ली है।