छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को ‘श्रेष्ठ खिलाड़ी’ मिलेगा: रायपुर। देश-प्रदेश के भविष्य के प्रतिष्ठित युवा और छात्र… जिन्हें ध्यान में रखकर सीएम भूपेश बगेल ने प्रदेश के युवाओं के प्रति विश्वास को केवल स्थिर नहीं बनाया है, बल्कि उन्हें छत्तीसगढ़ी खेलों की प्रोत्साहना देने का भी निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ की मिट्टी में लहराती लोककला और संस्कृति के साथ-साथ, भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ी खेलों को आगे बढ़ाने के लिए पूरी मेहनत की है। सीएम बगेल ने छत्तीसगढ़ में खेलों के लिए एक उत्कृष्ट वातावरण की तैयारी की है।
जिन खेलों की विलुप्ति छत्तीसगढ़ में हो रही थी, उन्हें सीएम बगेल ने पुनरुत्थान किया है। गांवों में फिर से भौंरा, बांटी, फुगड़ी, गिल्ली-डंडा जैसे खेलों की शुरुआत की गई है। भूपेश कुंवर कक्का की प्रयासों के परिणामस्वरूप, आजकल छत्तीसगढ़ में अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलों के बड़े आयोजन होने लगे हैं। रायपुर में पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर की क्रिकेट, शटरज, और बैडमिंटन की प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जिससे न केवल छत्तीसगढ़ की सकारात्मक छवि विश्वभर में बढ़ी, बल्कि यहां की संस्कृति, जीवनशैली, खान-पान, और प्राकृतिक सौंदर्य के प्रति लोगों को अधिक से अधिक जानने का अवसर मिला।
प्रतिभागियों को दी जाएगी ‘उत्कृष्ट खिलाड़ी’ सम्मान
सीएम भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के युवाओं को ओलंपिक खेलों में प्रोत्साहित करने के लिए ‘उत्कृष्ट खिलाड़ी’ सम्मान प्रदान करने का एलान किया है। छत्तीसगढ़ के ओलंपिक स्तरीय प्रतियोगिता में, 18 से 40 वर्ष के युवाओं ने लम्बी कूद, 100 मीटर दौड़, और कुश्ती खेल में पहला स्थान प्राप्त किया है, उन्हें ‘उत्कृष्ट खिलाड़ी’ के रूप में घोषित किया जाएगा। यह नियम इसी साल से प्रारंभ होंगे।
भूपेश सरकार की विशेष पहल से आज शहर, गांव, नगर, और कस्बों में खेलों के प्रति उत्साहजनक वातावरण बना है। छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ी परंपरा, विरासत, और संस्कृति के संरक्षण की दिशा में प्रयास किया है। इसी तरह, हमारे ग्रामीण क्षेत्रों की गलियों में खेले जाने वाले पारंपरिक खेलों को भी संरक्षित किया गया है। लोग अपने पुराने दिनों की यादों को ताजगी से याद कर रहे हैं। भूपेश सरकार ने इस प्रयास में ऐसे लोगों को एक अवसर प्रदान किया है जिन्होंने अपनी खेल प्रतिभा को अनदेखा किया था।
‘उत्कृष्ट खिलाड़ी’ सम्मान से युवाओं को मिलेगा नया अवसर
‘उत्कृष्ट खिलाड़ी’ सम्मान के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को प्रदान किया जाएगा, यह मुख्य उद्देश्य सीएम भूपेश बघेल की है, ताकि प्रदेश में स्थानीय और पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहित कर उन्हें आगे बढ़ावा मिल सके। इसके द्वारा खिलाड़ियों को प्रेरित किया जाएगा और यह पारंपरिक खेल भी जीवंत रहेगी। साथ ही, यह सम्मान राज्य में छिपी हुई खेल प्रतिभा को उजागर करेगा। भूपेश सरकार ने इस सम्मान के माध्यम से ऐसे खिलाड़ियों को अवसर दिया है जिन्होंने खुद की खेल प्रतिभा को अनदेखा किया था। अब ऐसे खिलाड़ियाँ अपने पारंपरिक खेलों को उच्च स्तर पर खेलने का मौका प्राप्त कर सकेंगी। आधुनिक खेलों के बीच, छत्तीसगढ़ के खेलों को लोग ध्यान से नहीं देखते थे और उन्हें भूल गए थे। इसी के बीच, ग्रामीण क्षेत्रों में प्राचीन और सांस्कृतिक खेलों को फिर से सामान्य बनाने की यह सफल योजना है जिसे सीएम भूपेश बघेल द्वारा आगे बढ़ाया गया है।