Congress’s soft Hindutva in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की एक अनोखी दिशा: राम वन गमन पथ और कृष्ण कुंज के बाद अब सरकार के बजरंगबली अखाड़ा…

कृष्‍ण कुंज योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में उद्यानों को किया जा रहा है विकसित

कमल विहार योजना अब कौशल्‍य माता विहार हो गया है

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अब राम भक्त हनुमान के नाम पर एक नई योजना की घोषणा की है। इस योजना का नाम ‘बजरंगबली अखाड़ा प्रोत्साहन योजना’ है। सीएम भूपेश ने नागपंचमी के मौके पर इसकी घोषणा की है। यह योजना राज्य की भूपेश सरकार की हिन्दू देवी-देवताओं के नाम पर तीसरी बड़ी योजना है।

छत्तीसगढ़ सरकार भगवान राम के वनवास से जुड़े धार्मिक स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रही है। इसका नाम ‘राम वन गमन परिपथ योजना’ है, और यह सीएम भूपेश बघेल के ड्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा है। साथ ही, शहरी क्षेत्रों में भगवान कृष्ण के नाम पर उद्यानों का विकास भी किया जा रहा है, जिसका नाम ‘कृष्ण कुंज’ है। इसके साथ ही, भाजपा सरकार द्वारा रायपुर में बनाए गए ‘कमल विहार’ का नाम बदलकर ‘कौशल्य विहार’ कर दिया गया है।

सरकार के इन योजनाओं को सियासी मैदान में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ के साथ जुड़कर देखा जा रहा है। ऐसे में एक सवाल उठता है कि क्या हिंदुत्व के करीब आने से कांग्रेस के अल्पसंख्यक वोट पर कोई असर होगा? राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के वोट बैंक पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। 2011 में जाति जनगणना के आंकड़ों के आधार पर भी यह आंकड़े कांग्रेस के ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ के पक्ष में हैं। राज्य की कुल जनसंख्या में हिंदू आबादी का हिस्सा 93 प्रतिशत है, बाकी 7 प्रतिशत में अन्य धर्मों के लोग शामिल हैं, जिसमें मुस्लिम भी हैं। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बिना किसी हिचक के रूप में ‘राम काज’ में जुटी हुई है।

राम वन गमन पथ: इस योजना के अंतर्गत सरकार भगवान राम के वनवास से जुड़े स्थलों का विकास कर रही है। अब तक, 75 ऐसे स्थलों की पहचान की गई है, जहां वनवासी के दौरान भगवान राम ने कदम रखे थे। पहले चरण में, सरकार इनमें से 9 के विकास पर काम कर रही है।

कृष्‍ण कुंज: इस योजना के तहत राज्य के नगरीय क्षेत्रों में सांस्कृतिक महत्व रखने वाले पौधों का रोपण किया जा रहा है, जैसे कृष्ण कुंज में बरगद, पीपल, नीम, और कदम जैसे वृक्ष।

रामायण महोत्‍सव: सरकार ने भगवान राम के नाम पर केवल योजनाओं का ही साथ नहीं दिया, बल्कि उन्होंने आयोजनों का भी आयोजन किया है। सरकार द्वारा रचित ‘रामायण महोत्सव’ का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें राष्ट्रीय रामयाण महोत्सव भी शामिल था। इस आयोजन में विभिन्न राज्यों के साथ-साथ कंबोडिया और इंडोनेशिया से भी कलाकारों की भागीदारी थी।

आदिवास आस्‍था पर भी विश्‍वास भूपेश सरकार आदिवासी आस्था केंद्रों के विकास को महत्वपूर्ण मान रही है। उन्होंने आदिवासी संस्कृति के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव का आयोजन शुरू किया है। सरकार व्यक्तिगत धर्मिक स्थलों के संरक्षण के साथ-साथ आदिवासियों के देवगुड़ी और घोटुल के संरक्षण की दिशा में भी काम कर रही है।

हम राम के नाम पर वोट नहीं मांगते: सीएम भूपेश – राम वन गमन पथ के तहत भूपेश सरकार पर्यटन स्थलों के विकास के साथ-साथ भगवान राम की मूर्तियों का स्थापना भी कर रही है। इसके बावजूद, सरकार पर राजनीतिक आरोप लगे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह स्पष्ट किया है कि राम केवल दिवीय रूप से मानने योग्य नहीं हैं, बल्कि वह हमारे लोगों की आस्था का प्रतीक हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि वे कभी भी राम के नाम पर वोट की मांग नहीं करेंगे, क्योंकि राम उनके लिए भावनाओं का प्रतीक हैं।

25-25 फीट ऊंची भगवान राम की प्रतिमाएं राम वन गमन परिपथ के अंतर्गत, सरकार भगवान राम की 25-25 फीट की मूर्तियों को स्थापित कर रही है। यहाँ पर 25 फीट की 6 और 51 फीट की 1 मूर्तियाँ भी शामिल हैं। चंदखुरी स्थित माता कौशल्या मंदिर में माता कौशल्या के नाम पर एक तीन-दिवसीय महोत्सव का आयोजन किया गया है, जिसमें देश भर से प्रमुख कलाकार भी शामिल हुए हैं। सरकार रामवन पथ गमन योजना के तहत रामायण इंटरप्रेटेशन सेंटर की भी योजना बना रही है, जिसमें छत्तीसगढ़ से जुड़ी हर कहानी को ऑडियो और विजुअल साधनों के माध्यम से दर्शाया जाएगा।

समझे सॉफ्ट हिंदुत्‍व की सियासत– छत्तीसगढ़ में, सॉफ्ट हिंदुत्व की राजनीति पूरी तरह से कांग्रेस के पक्ष में हो रही है, जिससे कांग्रेस के वोट बैंक को किसी भी खतरे का सामना नहीं करना पड़ रहा है। इसकी एक स्पष्ट वजह यह है कि छत्तीसगढ़ में मुस्लिम आबादी कम है और राज्य की 90 सीटों में कहीं भी मुस्लिम वोटर्स अकेले ही रिजल्ट पर प्रभाव डालने की क्षमता नहीं रखते हैं। इसके अलावा, मुस्लिमों के पास छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के सिवाय कोई और विकल्प भी नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page